कानपुर(ब्यूरो)। कल्याणपुर में युवक का किडनैप करके पिटाई और अमानवीयता करने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी मो। वसाब को अरेस्ट कर लिया है। पकड़े गए वसाब के गोदाम में ही युवक को बांधकर पीटा गया था। वहीं मुख्य आरोपी कांस्टेबल के बेटे हिमांशु व अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी चल रही है। वहीं पीडि़त की भी हालत सामान्य होने पर उसे जेल भेजा जाएगा। तीन महीने से वह हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहा था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि पूरा मामला दो गुटों के बीच गैंगवार का है।

जानिए ये है पूरा मामला
राधापुरम में रहने वाले एमसीए छात्र आयुष द्विवेदी और उनके दोस्त राणाप्रताप नगर निवासी बिट्टू उर्फ अभिषेक सिंह का सोमवार रात एलआईयू के हेड कांस्टेबल के बेटे हिमांशु यादव ने अपहरण कर लिया था। दोनों को पीट-पीट कर पूरा शरीर काला कर दिया। इतना ही नहीं थूक चटवाया, चेहरे पर टॉयलेट कर दी, कुकर्म तक किया था। पुलिस ने कांस्टेबल धर्मेन्द्र यादव, नंदू दुबे और आयुष मिश्रा को अरेस्ट करके जेल भेजा था, जबकि मुख्य आरोपी हिमांशु उर्फ शनि समेत अन्य आरोपियों की तलाश जारी थी। इस दौरान एक अन्य आरोपी मो। वसाब को अरेस्ट किया है, जबकि मो। वसाब नामजद नहीं है, लेकिन जांच के दौरान उसकी भी भूमिका सामने आई थी। वसाब ने ही आयुष के चेहरे पर टॉयलेट की और थूक भी चटवाया था।

दो गुटों के बीच गैंगवार है पूरी वजह
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि इसमें पीडि़त पक्ष हो या आरोपी दोनों ही इलाके के बिगड़ैल लडक़ों का गैंग है। दोनों गुट के सदस्य आपराधिक तरह के हैं। बारासिरोही में रहने वाला हिमांशु उर्फ सनी एलएलबी का छात्र है। 6 अक्टूबर 202& को हिमांशु की मां कुसमा ने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि उनके पति धर्मेन्द्र यादव ने पनकी रोड पुलिस चौकी के अपराधी जमुना ठाकुर की अरेस्टिंग करवाई थी। इसके बाद जमुना ठाकुर और उसके साथी आयुष द्विवेदी, अनुज तिवारी, बंटी तिवारी, शांतनु यादव, छोटू भदौरिया समेत दस अज्ञात ने हिमांशु को 5 अक्टूबर को शिवली रोड पेट्रोल पम्प के पास पीटा और उस पर बाइक चढ़ा दी। उसका चेहरा खराब हो गया गया। बांया कान फट गया और सिर पर गम्भीर चोटें आईं थी।

कॉन्स्टेबल ने लिखी थी वारदात की पूरी स्क्रिप्ट
कॉन्स्टेबल ने इसकी स्क्रिप्ट लिखी और उसके बेटे ने अपने दोस्तों के साथ वारदात को अंजाम दिया। पूछताछ में सामने आया कि पूर्व में आयुष द्विवेदी और उसके साथियों ने कॉन्स्टेबल के बेटे को पीटा था। मामले में हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज करके तीन आरोपियों को जेल भेजा गया था, लेकिन आयुष फरार चल रहा था। कॉन्स्टेबल ने प्लानिंग के तहत लडक़ी के जरिए आयुष को मिलने के लिए बुलवाया। कॉन्स्टेबल के बेटे हिमांशु यादव ने बदला लेने के लिए हैवानियत की सभी हदें पार कर दी। मारपीट करने के साथ ही गुंडों ने उसके चेहरे पर टॉयलेट कर दी। जख्मों पर नमक छिडक़ा और इतना ही नहीं कुकर्म जैसी वारदात को भी अंजाम दिया। इसके बाद खुद ही पुलिस को सूचना देकर उसे अरेस्ट करवाने की कोशिश की, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि कॉन्स्टेबल का दांव उल्टा पड़ गया। युवकों ने आवेश में इतना पीट दिया कि आरोपी खुद ही पीडि़त हो गया और कॉन्स्टेबल समेत सभी गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।