कानपुर (ब्यूरो) हर पल खौफ में बीत रहा है। इसी बीच इंडियन एंबेसी ने भारतीय छात्रों को हर हाल में कीव छोडऩे की एडवाइजरी जारी कर दी। जिससे हर तरफ दहशत का आलम है। जान जोखिम में डालकर छात्र बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यूक्रेन में फंसे तीन दर्जन से ज्यादा कानपुर के छात्रों में अभी कोई भारत नहीं पहुंच सका है। स्टूडेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि अब वहां कैसे हालात हैं और जिंदगी किन हालात में गुजर रही है।
8 किमी पैदल चलकर पकड़ी ट्रेन
कई दिनों से खारकीव में फंसी दर्शनपुरवा निवासी मेडिकल स्टूडेंट जेनसी ने बताया कि सुबह से ही बहुत बुरे हालात हो गए थे। कफ्र्यू खुलते ही बॉम्ब शेलिंग शुरू हो गई थी। जिसके पास भी जो कुछ था वह लेकर रेलवे स्टेशन की तरफ भागा। जेनसी से बताया किसी तरह अपना सामान समेट कर वे अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ निकल लीं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से साझा किए एक ऑडियो में बताया कि हम लोग 8 किलोमीटर पैदल चलते हुए खारकीव के रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। हर तरफ धमाकों से दहशत हो रही थी। दो घंटे बाद हम लोगों ने रोमानिया की ट्रेन पकड़ ली। ट्रेन में इंडियन फ्लैग लेकर चलने के लिए कहा गया था।
बॉर्डर से एयरपोर्ट की राहत भी नहीं आसान
कल्याणपुुर निवासी सृष्टि यादव ने बताया कि वे कल रोमानिया बॉर्डर पर आ गई थीं। उन लोगों को रात में कैंप में रोक दिया गया था। डेनिप्रो से आने में आठ से दस घंटे लगते हैैं। उसके बाद से वे अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैैं। वहीं खारकीव में फंसे आरव और अक्षरा के परिजनों ने बताया कि बच्चे सुबह निकलने का प्लान बना रहे थे, इसी बीच धमाके होने लगे। लोकल फोर्सेस ने सभी को अंदर ही रहने की एडवाइजरी जारी कर दी। सुबह हटाया गया कफ्र्यू फिर से लगा दिया गया। खारकीव में फंसे मेडिकल स्टूडेंट्स ने बताया कानपुर के स्टेडेंट्स मेट्रो स्टेशन में ही फंसे हैं। युद्ध चल रहा है और धमाकों से जमीन हिल जा रही है। सृष्टि और विपुल समेत कई स्टूडेंट्स ऐसे हैैं जिनका अभी तक हवाई जहाज से देश वापसी का उनका नंबर नहीं आ सका है।
पटाखे की तरह चल रहीं मिसाइलें
वेेनेस्टिया से हंगरी की दूरी 650 किलोमीटर है। सुभाष नगर चकेरी निवासी आकांक्षा ने परिजनों को बताया वे मंगलवार दोपहर बाद बस से हंगरी के लिए रवाना हुई हैं। बस में शीशे पर इंडियन फ्लैग लगा है, जबकि सारे शीशे पैक कर दिए गए हैैं। किसी को बाहर देखने की मनाही है। बर्फबारी के चलते रोमानिया बॉर्डर पर मौसम बहुत खराब है जिसकी वजह से सभी हंगरी बॉर्डर की तरफ भाग रहे हैैं। आकांक्षा ने बताया कि बस में 50 बच्चे हैैं। सभी को मोबाइल बॉर्डर पर ही ऑन करने के लिए कहा गया है। आकांक्षा ने बताया कि जिस तरह लोग दीपावली को दौरान पटाखे चलाते हैैं, उसी तरह से यहां मिसाइल चल रही हैैं।
फोन की घंटी से बढ़ती हैैं धड़कनें
फोन की हर घंटी और टेलीवीजन पर आने वाली ब्रेकिंग न्यूज से परिवार वालों की धड़कनें बढ़ जाती हैैं। टेलीविजन की स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज देखने के लिए पूरा परिवार आ जाता है। इटावा बाजार निवासी श्रेय के परिजनों ने बताया कि वे लोग ट्रेन में हैैं उन्हें ट्रेन से उतरने के लिए मना कर दिया गया है। ट्रेन के अंदर ही जांच होगी, उसके बाद सभी को फ्लाइट में बिठाया जाएगा। वहीं जेनसी की मां ने एक मार्मिक अपील जारी की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी यूक्रेन में पढ़ाई कर रही है। वो कई किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ट्रेन में सवार हो गई है। उनकी भारत सरकार से मांग है कि किसी भी तरह सभी बच्चों को उनके घर सकुशल पहुंचाया जाए। वहीं आकांक्षा के पिता एनके शुक्ला ने बताया कि बेटी की सलामती के लिए घर में पूजा की जा रही है। किसी तरह से सभी बच्चे अपने घर सकुशल पहुंच जाएं। वहीं आरव की मां डॉ। मधुरिमा सिंह ने बताया कि अभी उनके बच्चे खारकीव में ही फंसे हैैं। किसी तरह से उन्हें सकुशल कानपुर पहुंचाया जाए।
खाना लेने गया था नवीन
बर्रा निवासी विपुल ने बताया कि कर्नाटक का स्टूडेंट नवीन बंकर में था। सुबह खाना लेने के निकला था इसी बीच धमाका हो गया। विपुल ने बताया कि वह पहले ही वहां से निकल आया था। रोमानिया एयरपोर्ट पर सभी स्टूडेंट्स को बंकर में रोका गया है। जहां खाने पीने की सुविधा है। 2000 लोग अभी भी बंकर में मौजूद हैैं। 200 सीटर प्लेन भेजा जा रहा है। अगर फ्लाइट्स की संख्या बढ़ जाती है तो वे जल्दी वहां से निकलकर आ सकते हैैं।