कानपुर (ब्यूरो) कपड़ा बाजार के सामने पुलिस के अस्थायी कंट्रोल रूम में रोज अलग-अलग तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं। एक व्यापारी तो अपनी दुकान पर जाने के लिए जेसीपी से भिड़ गया। बोला कि मुझे दुकान में जाने दो। बैंक की 3.50 लाख की किश्त कहां से देंगे। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि आग पूरी तरह से बुझने के बाद जरूर उन्हें दुकान में जाने की अनुमति देंगे।

करोड़ों का कर्ज, परिवार को क्या खिलाएंगे

अपने बीवी बच्चे कैसे पालेंगे? कहां से खिलाएंगे उनको? एक करोड़ का लोन है, साढ़े तीन लाख रुपए महीने की किश्त है। साढ़े तीन लाख रुपए बैंक की किश्त कहां से देंगे? एक अप्रैल को बैंक की किस्त नहीं जा पाई, अब बैंक का बार-बार किस्त को लेकर मैसेज आ रहा है। जिसने हमें उधार माल दिया था वो हमें जीने नहीं दे रहा है। पुलिस हमारी मदद नहीं कर रही है। ये बात कपड़ा बाजार के सामने कंट्रोल रूम में जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी के सामने फूट-फूट कर रोते हुए कही। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस फोर्स ने व्यापारी को वहां से हटा दिया और भीतर जाने की अनुमति नहीं दी। कहा कि दुकान के भीतर जाना जान पर खतरा मोल लेने जैसा है।

समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें

जेसीपी ने सभी व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वह आग बुझाने का ऑपरेशन पूरा होने के बाद व्यापारियों को उनकी दुकान तक जाने की अनुमति देंगे। सुरक्षा के साथ व्यापारियों को उनकी दुकान तक ले जाया जाएगा। अग्निकांड में व्यापारियों का सब कुछ जल कर राख हो गया। दुकानदार संदीप ने कहा कि हमारा एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। हमारी 4 बड़ी-बड़ी दुकानें थीं। सभी का माल जल गया। हम सब सडक़ पर आ गए हैं। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।

आंखो के सामने करोड़ों का माल खाक

जितेंद्र आर्या ने बताया कि हमारी दो कॉम्प्लेक्स में दुकानें थीं। लेनदेन से संबंधित कागजात भी जल गए हैं। करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार से उम्मीद है कि हम सब की मदद की जाएगी। अरविंद दीक्षित ने बताया कि जब हम लोग आग की सूचना पर पहुंचे तो पूरी मार्केट जल रही थी। हम अपना सामान नहीं निकाल सके। हमारा करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ है। मोहम्मद समीर ने बताया कि मेरा करीब सवा करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार से मांग है कि दुकान के लिए जगह दे। स्टॉक के अनुसार मुआवजा दिया जाए, जिससे दोबारा व्यापार शुरू कर सकें।