कानपुर (ब्यूरो) उन्नाव जिले के सफीपुर निवासी शांति देवी 11 अप्रैल को उर्सला के आर्थोपेडिक सर्जन डा। राजेश बाजपेई की देखरेख में भर्ती हुईं थीं। उनके हाथ में फ्रैक्चर था। आरोप है कि डॉ। बाजपेई ने आपरेशन में इंप्लांट का खर्च 12 हजार रुपये खर्च बताया था। तीमारदार के मुताबिक डाक्टर के कहने पर उनके बताए एजेंट से मिले। जिसने 14 हजार रुपये ह्यूमरस प्लेट के रेट बताए। साथ ही आपरेशन फीस 267 रुपये अस्पताल में जमा कराई। 14 अप्रैल को उनका आपरेशन कर दिया। पैसे लेने वाले सौरभ नामक व्यक्ति ने पैसे लेने के बाद रसीद सिर्फ 12 हजार की ही थी। इस पर शांति देवी के स्वजन ने डिप्टी सीएम से शिकायत कर दी। उनका आरोप था कि डाक्टर के कहने पर सौरभ नाम के कर्मचारी ने 14 हजार रुपये लेकर इम्प्लांट की रसीद 12 हजार रुपये की दी। उसके बाद से वह गायब है। आपरेशन के नाम पर वसूली की शिकायत को डिप्टी सीएम ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने डीजी हेल्थ डा। वीवी ङ्क्षसह को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
सिस्टर पर होगी कार्रवाई
सीएमएस डॉ। अनिल निगम ने कहा कि ओपीडी, वार्ड एवं आपरेशन थियेटर में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। उसके बाद भी शिकायत मिली है कि कई डाक्टर अपने साथ दो-दो निजी व्यक्ति लेकर आते हैं। इसे गंभीरता से लिया है। ओटी के अंदर अगर कोई बाहरी व्यक्ति पाया जाता है तो सिस्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शासन के आदेश पर जांच कराई। सौरभ नाम का कोई कर्मचारी अस्पताल में नहीं है। उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी है। आर्थोपेडिक सर्जन डा। राजेश बाजपेई का कहना है कि उन्होंने मरीज से एक भी पैसा नहीं लिया है। न ही उन्होंने इम्प्लांट दिया है। मरीज और उस व्यक्ति के बीच लेनदेन हुआ है। मामले की रिपोर्ट डीजी हेल्थ को भेज दी है।
- डा। एके निगम, सीएमएस, उर्सला अस्पताल।