कानपुर (ब्यूरो) सपा विधायक के अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी, राजेश चौधरी ने जमानत अर्जी दाखिल करते हुए तर्क दिया कि जाजमऊ के आगजनी प्रकरण में इरफान और रिजवान दोनों की लोकेशन वहां नहीं थी। विवादित जमीन की रजिस्ट्री भी रिजवान के नाम पर है और वादिनी को वैधानिक तरीके से पैसों का लेनदेन भी है। संपत्ति पर आग लगने की घटना महज दुर्घटना थी जिसे सपा विधायक से जोड़कर दोनो भाइयों को आरोपी बना दिया गया। फर्जी आधार पर यात्रा मामले में अधिवक्ता ने तर्क रखा कि एयरपोर्ट पर मास्क लगाए विधायक की जो फोटो दी गई है वह गलत है। इस मामले में भी उन्हें रंजिशन व झूठा फंसाया गया है।

कैसे आधार का दुरुपयोग किया
इस पर अभियोजन अधिकारी शैलेश कुमार अग्निहोत्री ने तर्क रखा कि इरफान और उनके भाई ने संपत्ति को प्राप्त करने के लिए आगजनी की, तोडफ़ोड़ की और धमकाया। फरार होने के दौरान फर्जी आधार कार्ड बनाया और उसी आधार पर हवाई मार्ग से यात्रा की। न्यायालय ने पूछा कि कैसे आधार कार्ड का दुरुपयोग किया जिस पर उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर बिना मास्क की फोटो भी प्रस्तुत की। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि घरेलू उड़ानों में अंगूठा निशानी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में आधार कार्ड दिखाकर यात्रा की जा सकती है। अभियोजन ने कहा कि विधायक प्रभावशाली हैं। इन्हें रिहा किया गया तो वह अपने प्रभाव का प्रयोग कर साक्ष्यों को प्रभावित करेंगे। इस मामले में जांच भी अभी चल रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।

अभियोजन की चार अफसरों की टीम
सपा विधायक की जमानत के विरोध में अभियोजन की ओर से चार अधिकारियों की टीम लगायी गई थी। इसमें एसपीओ ब्रजेश आर्या, विनोद पांडेय, सिद्धार्थ ङ्क्षसह, शैलेष कुमार अग्निहोत्री और अंबरीश टंडन रहे। वादिनी नजीर फातिमा के अधिवक्ता प्राची श्रीवास्तव और मोहित श्रीवास्तव ने भी जमानत के विरोध में कोर्ट में अपनी बात कही। विधायक इरफान की कोर्ट में पेशी के समय उनके परिचितों की बड़ी संख्या कोर्ट में मौजूद थी। पेशी के दौरान ही विधायक ने सिर दर्द की शिकायत बतायी जिस पर उनके परिचित दवा लेकर देने पहुंचे।