कानपुर (ब्यूरो) तीन जून को उपद्रव के बाद का तीसरा जुमा। यूपी के कई हाइपरसेंसटिव जिलों में उपद्रव की सुगबुगाहट थी। जिसे पुलिस की विजिलेंस टीम और खुफिया इकाइयों ने पहले से ही सूंघ लिया और सीनियर ऑफिसर्स को संदेश दे दिया था। जिसके बाद शासन ने प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने की तमाम कोशिशें की। शुक्रवार को ये सभी कोशिशें पूरी तरह से सफल रहीं। हाईपर सेंसिटिव सिटी कानपुर के कमिश्नर की एक सप्ताह में बनाई गई स्टे्रटजी न सिर्फ अमल में लाई गई, बल्कि कम समय में बना प्लान पूरी तरह से सफल रहा। पूरे प्रदेश में कानपुर में युवा मित्र बनाने का प्रयोग भी सफल रहा।
सर्विलांस सेल भी एक्टिव
योजना के मुताबिक साइबर और सर्विलांस सेल भी एक्टिव रहा। नई सड़क, यतीमखाना, परेड, बेकनगंज, फूल वाली गली, अनवरगंज, कुली बाजार, लाटूश रोड, चमनगंज समेत कई इलाकों के सैकड़ों नंबर सर्विलांस पर थे और उनकी हर छोटी बड़ी हरकत पर पुलिस नजर रखे थी। अफवाह तो दूर की बात पूरे इलाके में किसी भी सोशल प्लेटफार्म पर कोई भी असामाजिक गतिविधि नहीं हो पाई।

देश में अमन चैन की दुआ
दोपहर में समय से यतीमखाना और आसपास के धार्मिक स्थलों समेत शहर के 348 धार्मिक स्थलों में नमाज अदा की गई। पुलिस का भरपूर इंतजाम किया गया था लिहाजा कोई भी उपद्रव का मंसूबा भी दिमाग में नहीं पाल सका। सभी धार्मिक स्थलों से देश के तमाम जिलों में हो रही हिंसा को देखते हुए शांति की दुआ की गई। नमाज के बाद नमाजियों ने लोगों को गुलाब का फूल देते हुए संदेश दिया कि जिस तरह एक डंडी से तमाम पंखुडिय़ां जुड़कर फूल बनाते हैैं। उसी तरह तमाम धर्म के लोग जुड़ कर एक स्वस्थ समाज की स्थापना करेंगे।

ड्रोन से की गई क्षेत्रों की निगरानी
पूरे इलाके में सुबह से ही ड्रोन छतों पर रखे हुए पत्थर चेक कर रहा था। हालांकि कानपुर के लिए शासन से हेलीकॉप्टर निगरानी के लिए दिया गया था लेकिन उसकी जरूरत नहीं पड़ी। सीपी विजय सिंह मीना, जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी और डीएम विशाख जी अय्यर लगातार पूरे इलाके में गश्त करते रहे। इनके साथ डीसीपी, एसीपी और तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। यतीम खाने के बाहर सुबह से ही पुलिस तैनात थी। पीएसी और आरएएफ भी गलियों में तैनात की गई थी। नमाज के बाद पब्लिक एड्रेस सिस्टम से घर जाने की अपील की गई।

एक सप्ताह में पुलिस की कवायद
- लगातार गश्त से उपद्रवियों के मनसूबों पर पानी फेरना।
- पीस कमेटी की लगातार बैठक कर लोगों से बात करना।
- धर्मगुरुओं को कनविंस करना, जिससे कोई गलत संदेश न जाए।
- लगातार युवाओं को संदेश देना कि शांति कायम रखें।
- दो हजार से ज्यादा युवाओं का इस्तेमाल पुलिस मित्र के रूप में किया गया।
- एलआईयू के मार्फत लोगों की जानकारी करते रहना
- ड्रोन से लगातार छतों की निगरानी, जिससे स्टोन पेल्टर के हौसले पस्त हों।
इससे प्रभावित हुए विशेष समुदाय के लोग
- कहीं पर भी बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया गया।
- कमिश्नर के वादे के मुताबिक किसी निर्दोष की गिरफ्तारी नहीं की गई।
- गश्त और चेकिंग के दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
- 56 गिरफ्तारियों के अलावा और गिरफ्तारियों नहीं की गईं।
- अमन और शांति के लिए पुलिस बैकफुट पर रही।
- दूसरा पोस्टर जारी होने के बाद भी उसका प्रदर्शन नहीं किया गया।
- कई उपद्रवियों की पहचान होने के बाद उनके परिवार को देख सहानुभूति दिखाई गई।
पुलिसकर्मियों की सजगता और लोगों की समझदारी की वजह से शहर में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई। लगातार लोग शांति का परिचय दे रहे हैैं।
आनंद प्रकाश तिवारी, जेसीपी कानपुर कमिश्नरेट