कानपुर (ब्यूरो): शहर में तो बारिश थमी हुई है लेकिन पहाड़ों और अन्य राज्यों में हो रही भारी बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढऩे लगा है। गंगा का लेवल वार्निंग प्वाइंट से लगभग एक मीटर ही दूर है। शहर के कई घाट तो डूब चुके हैं, सीढिय़ों तक पानी पहुंच गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। कानपुर के 40 से ज्यादा गांवों में जल स्तर बढऩे की वजह से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सैटरडे को एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने खुद गंगा किनारे पहुंच का हालत का जायजा लिया और लोगों को अलर्ट किया। प्रशासन की एक टीम लगातार गंगा के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है।
कीमती सामान के साथ रहें तैयार
एसीपी महेश कुमार ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने कीमती सामान को सुरक्षित रख लें। कभी भी गांव को खाली करना पड़ सकता है। पुलिस के अनाउंसमेंट के बाद से लोग अपने मवेशियों और कीमती सामान को सुरक्षित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि कर्नलगंज सर्किल के नवाबगंज, कोहना और ग्वालटोली थाना क्षेत्र के 15 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं कानपुर में गंगा के किनारे बसे 40 से ज्यादा गांवों पर बाढ़ का खतरा है। लगातार गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने तटीय गांवों में फोर्स तैनात कर दी गई है। गंगा में नहाने पर भी रोक लगा दी गई।
गंगा में नहाया तो होगा अरेस्ट
एसीपी ने बताया कि सुबह के समय ज्यादा संख्या में लोग नहाने आते हैैं, लिहाजा सुबह के समय घाट पर पेट्रोलिंग रहेगी, फिर पूरे दिन घाटों पर पुलिस की मूवमेंट रहेगा। एसीपी महेश कुमार ने बताया कि गंगा में बाढ़ को देखते हुए गंगा किनारे सभी जगह नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। सिर्फ घाट पर ही नहाने की अनुमति है। रोक के बाद भी अगर कोई गंगा बैराज या अन्य जगह गंगा में नहाते देखा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नए कानून के मुताबिक अगर कोई पुलिस की बात नहीं मानता है तो उसे 24 घंटे तक पुलिस हिरासत में बैठाया भी जा सकता है।
कानपुराइट्स के लिए जारी गाइडलाइन
- नाबालिग बच्चों पर नजर रखें, गंगा में नहाने न जाने दें।
- अगर बच्चे स्वीमिंग जानते हों तो भी न जाने दें।
- बड़े नहाते समय सुरक्षित स्थान देखकर ही नहाएं।
- घाटों के अतिरिक्त कहीं और जाकर स्नान न करें।
- नाव चलाने वालों पर मनचाही जगह जाने का दबाव न दें
- पूजा करने के लिए गंगा में उतरें तो मौजूद लोगों की बात मानें।
- जब तक जलस्तर बढ़ा है, गंगा में या किनारे रील न बनाएं।
पुलिस ने घाटों पर किए हैैं ये इंतजाम
- हर घाट पर थाना पुलिस का मूवमेंट और पेट्रोलिंग बढ़ाई
- हर घाट पर 24 घंटे गोताखोरों की मौजूदगी रहेगी।
- स्नान घाट पर लगातार अधिकारी भ्रमण करेंगे।
- घाट पर पुलिस की बात न मानने पर सख्त कार्रवाई
- घाट के किनारे लगने वाली दुकानों को हटाया गया है।
- घाट पर रोशनी का इंतजाम किया गया है।
- स्टीमर, बोट्स और लाइफ जैकेट्स की संख्या बढ़ाई है।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, गंगा किनारे सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैैं। पुलिस और गोताखोंरों के साथ घाट पर मौजूद लोगों की बात मानें।
अखिल कुमार, पुलिस कमिश्नर
24 घंटे में सात सेंटीमीटर बढ़ा जलस्तर
गंगा का जलस्तर चौबीस घंटे में सात सेंटीमीटर बढ़ा है। तेजी से गंगा के तट से जुड़े गांवों की तरफ जल बढ़ रहा है। ङ्क्षसचाई विभाग और प्रशासन लगातार गंगा के जलस्तर पर नजर रखे है। शुक्लागंज में चेतावनी ङ्क्षबदु 113 मीटर है। गुरुवार को गंगा का जलस्तर 111.460 मीटर था जो शुक्रवार को बढक़रर 111.530 मीटर हो गया है। चेतावनी ङ्क्षबदु से 1.470 मीटर दूर है। घाटों में टहलने लाने वालों को सीढिय़ों की तरफ जाने से कर्मचारी रोक रहे है। अटल घाट में लोगों को सीढिय़ों की तरफ नहीं जाने दिया जा रहा है।
गंगा का जलस्तर (मीटर में)
11 जुलाई - 111.46
12 जुलाई 111.530
चेतावनी ङ्क्षबदु -113
खतरे का निशान - 114
यहां से इतना पानी छोड़ा गया
नरौरा - 35,320
गंगा बैराज-1,83,655
(आंकड़े क्यूसेक में)