कानपुर (ब्यूरो) पर्यटन विभाग हर साल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार को लेकर करोड़ों रुपए खर्च करता है। विभाग का दावा है कि टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आए दिन नई नई योजनाए आती है। जिसे जमीनी स्तर पर पूरा किया जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से इस पर कमी जरूर आई है। जिस कारण विदेशी टूरिस्ट घट गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ कुछ राहत की भी बात है, 2005 में जहां, 1.56 लाख भारतीय कानपुर आया करते थे, अब वह बढ़कर लगभग तीन गुना हो गए हैं।
इस वजह से ज्यादा टूरिस्ट
आंकड़ों के मुताबिक, कानपुर में सबसे ज्यादा टूरिस्ट श्रीलंका से आते हैं, इसकी वजह है कि कानपुर मंडल के क्षेत्र फर्रूखाबाद में संकिसा बौद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण स्थल है। श्रीलंका के लोग पहले फ्लाइट से दिल्ली पहुंचते हैं और यहां से बाईरोड सैरसपाटा करते हुए कानपुर से होते हुए फर्रूखाबाद जाते हैं, इसके बाद वह बौद्ध सर्किट कुशीनगर रवाना हो जाते हैँ, लेकिन साल दर साल विदेशी सैलानियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
ऐसे बनता है डाटा
पर्यटन विभाग के मुताबिक, देश विदेश का कोई भी नागरिक अगर कानपुर के होटल में 24 घंटे या उससे अधिक स्टे कर लेता है तो उसे टूरिस्ट मान लिया जाता है। जिसके बाद होटल संचालक इन सभी की लिस्ट बनाकर हर महीने विभाग को भेजते हैं, जिसके आधार पर पर्यटकों का आने का आंकलन किया जाता है। इनमें भारतीय और विदेशी दोनों नागरिक शामिल होते हैं।
कोरोना से होटलों को बिजनेस चौपट
होटेलियर के मुताबिक, शहर के अलग अलग हिस्सों में 500 से अधिक रजिस्टर्ड होटल है। जबकि कई बिना रजिस्टर्ड के भी होंगे। टूरिस्ट के आने के कारण इन होटलों में सलाना करोड़ों का बिजनेस होता है, लेकिन धीरे-धीरे होटल इंडस्ट्री चौपट होती जा रही है। होटेलियर का कहना है कि शहर में टूरिज्म बढ़ाने के लिए कुछ नया करने की जरूरत है, ताकि बाहरी लोगों का रूझान कानपुर में और भी ज्यादा बढ़े। ताकि यह शहर फिर से टूरिस्ट हब के रूप में उबर सके।
यहां घूमना पसंद करते हैं टूरिस्ट
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, टूरिस्ट ज्यादातर गंगा बैराज, इस्कॉन टेंपल, भीतरगांव मंदिर, गुप्त कालीन मंदिर, बिठूर, एलन फॉरेस्ट चिडिय़ाघर, जेके टेंपल, सरसैया घाट, अटल घाट, गोरा कब्रिस्तान, लालइमली, आनंदेश्वर मंदिर, मोतीझील, तुलसी उपवन, फूलबाग समेत अन्य मंदिर और धरोहर शामिल है।
इस वजह से आते हैं विदेशी
ग्रीन पार्क में इंटरनेशन मैच
फर्रूखाबाद में संकिसा बौद्ध सर्किट
वीआईपी रोड पर गोरा कार्बिस्तान
ऐतिहासिक धरोहरों को देखने
गंगा किनारे बसे शहर की वजह से
इन खामियों से घटा टूरिस्ट
फ्लाइटों की कनेक्टिविटी में कमी
टूरिज्म को बढ़ावा न देना
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर अवेयर न करना
टूरिस्ट के लिए बेहतर सुविधा न होना
ऐतिहासिक धरोहरों को अनदेखा करना
अन्य राज्यों व शहरों में कानपुर को प्रमोट न करना
इन देशों से आते हैं सबसे ज्यादा टूरिस्ट
- श्रीलंका
- साउथ कोरिया
- म्यामार
-इंडोनेशिया
- सिंगापुर
थाईलैंड
- यूनाइटेड किंगडम
- ब्रिटेन
- जापान
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17 साल से लगातार घट बढ़ रहे टूरिस्ट
2016 में सबसे ज्यादा 24343 विदेशी आए
2017 में सबसे ज्यादा 27.41 लाख भारतीय आए
17 सालों में 90 परसेंट घंटे विदेशी टूरिस्ट
03 गुना बढ़े भारतीय टूरिस्ट
शहर में कई धरोहर व ऐतिहासिक इमारतें समेत अन्य टूरिस्ट प्लेस मौजूद है। जिसे देखने के लिए देश विदेश के लोग आते हैं, लेकिन अगर पर्यटन विभाग थोड़ा लोगों को कानपुर के बारे मे जागरूक करें, तो यहां पर सैलानियों की संख्या और बढ़ सकती है। ऐसे में विभाग को चाहिए कि टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए नए डेवलपमेंट वर्क करें, ताकि बाहरी लोग कानपुर में आने पर मजबूर हो जाए। जितना ज्यादा टूरिस्ट प्लेस रहेगा, उतना ही टूरिस्ट कानपुर में आएंगे। इससे होटल इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा।
राज भगतानी, महामंत्री, होटल गेस्ट हाउस स्वीट एंड रेस्तरां एसोसिएशन, कानपुर