-जीएसवीएम में फार्मेसी के पूर्व विभागाध्यक्ष पर पास करने के लिए स्टूडेंट्स से पैसे मांगने का है आरोपी, वीडियो भी हुआ था वायरल
- प्रिंसिपल ने स्वरूप नगर थाने में दर्ज कराया था मुकदमा, शासन ने प्रो। आरएन ठाकुर को सस्पेंड करते हुए बैठा दी थी जांच
<-जीएसवीएम में फार्मेसी के पूर्व विभागाध्यक्ष पर पास करने के लिए स्टूडेंट्स से पैसे मांगने का है आरोपी, वीडियो भी हुआ था वायरल
- प्रिंसिपल ने स्वरूप नगर थाने में दर्ज कराया था मुकदमा, शासन ने प्रो। आरएन ठाकुर को सस्पेंड करते हुए बैठा दी थी जांच
KANPUR:
KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्मेसी डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी प्रो। आरएन ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए शासन ने परमिशन दे दी है। प्रो। ठाकुर पर एग्जाम में पास कराने के लिए पैसा मांगने का आरोप लगा था। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। मेडिकल एजूकेशन डिपार्टमेंट के सचिव अमित गुप्ता ने एसएसपी और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को लेटर भेजकर इसकी जानकारी दी है। हालांकि कमिश्नर की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
स्वरूप नगर थाने में एफआईआर
एचओडी के स्टूडेंट्स से पैसा मांगने का वीडियो वायरल होने पर तत्कालीन जीएसवीएम प्रिंसिपल प्रो। आरती लालचंदानी ने इसे गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ स्वरूप नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने गैजेटेड ऑफिसर होने के कारण गिरफ्तारी से पहले शासन से परमिशन मांगी थी। वहीं, प्रिंसिपल ने शासन से भी उनकी शिकायत की थी। उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया था। शासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रो। आरएन ठाकुर को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी। तत्कालीन कमिश्नर को जांच का जिम्मा सौंपा था।
कमिश्नर ने दी थ्ाी क्लीन चिट
वायरल ऑडियो की लैब में जांच कराई गई। फारें¨सक जांच में ऑडियो से छेड़छाड़ किए जाने की पुष्टि हुई थी। इस आधार पर तत्कालीन कमिश्नर ने प्रो। आरएन ठाकुर को क्लीन चिट दे दी थी। इस पर शासन ने उन्हें बहाल करते हुए आगरा मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर कर दिया था। उनकी गिरफ्तारी के लिए शासन से पुलिस को अब परमिशन मिली है। प्रिंसिपल प्रो। आरबी कमल ने बताया कि शासन से मिले लेटर के आधार पर पुलिस को अनुमति दे दी है।