कानपुर (ब्यूरो) ये मामला रोशननगर के कृष्णापुरम का है। यहां विमलेश सोनकर अपनी पत्नी मिताली के साथ रहते थे। मिताली कोऑपरेटिव बैंक में जॉब करती हैं। विमलेश अहमदाबाद में इनकम टैक्स विभाग में एओ के पद पर कार्यरत थे। अप्रैल 2021 में वे मोती हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। जिसका डेथ सर्टिफिकेट भी उनके परिजनों को दिया गया था। घर आने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान अचानक मृतक की दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार टाल दिया गया था। ये घटना जून 2021 की है।
कर्मचारी पहुंचे तो मर चुके थे
तब से लगभग डेढ़ साल हो रहे हैं। घर के अंदर एक पलंग पर लाश को लेटा रखा था। परिजन विमलेश को कोमा में होने की बात बता रहे थे। लेकिन जब कानपुर के सीएमओ ऑफिस में विमलेश के डिपार्टमेंट की ओर से जांच के लिए एक पत्र भेजा गया, तब पूरा मामला सामने आया। पुलिस अधिकारी के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंची, तो परिजनों ने शव ले जाने से मना कर दिया। परिजन इस बात पर डटे रहे कि विमलेश अभी भी जीवित हैं। टीम ने उन्हें हैलट अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टर्स ने विमलेश को मृत बताया। इसके बाद बॉडी को पुलिस ने कब्जे में लिया।
जांच टीम गठित
अब पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। हालांकि, डेढ़ साल तक बॉडी के साथ परिवार के लोग कैसे रहे? ये बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। डेढ़ साल से विमलेश जॉब पर नहीं गए थे। ऐसे में आयकर विभाग ने डीएम कानपुर को लेटर भेज कर जानकारी मांगी थी। इस पर डीएम ने सीएमओ की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की थी।
22 अप्रैल 2021 को हो चुकी थी मौत
सीएमओ ने बताया कि विमलेश की पत्नी व भाई से बात हुई है। बातचीत में सामने आया है कि विमलेश बीमारी हालात में अहमदाबाद से घर लौटे थे। उन्हें कानपुर के कई अस्पतालों में दिखवाया गया। उस वक्त कोरोना का समय था। बाद में उन्हें बिरहाना रोड स्थित मोती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां 22 अप्रैल 2021 की सुबह उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों के मुताबिक उन्हें डबल निमोनिया हो गया था।
हंगामा करने लगे परिजन
परिवार वालों से जब उसके मृत होने की बात बताई तो वह लडऩे को तैयार हो गए। जमकर हंगामा हुआ। स्थितियां देखकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद समझाबुझा कर शव को हैलट लेकर आया गया। सीएमओ के आदेश पर तीन डॉक्टरों के पैनल को मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
7 साल पहले प्रेम विवाह
विमलेश और मिताली ने सात साल पहले प्रेम विवाह किया था। एक पांच साल का बेटा व तीन साल की बेटी है। विमलेश का परिवार पिता राम औतार गौतम, मां रामदुलारी के अलावा भाई सुनील गौतम व दिनेश गौतम के परिवारों के साथ तीन मंजिला मकान में रहता है। विमलेश गौतम 2019 में बीमारी के चलते विभाग से अवकाश लेकर घर आए थे, लेकिन अब तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे।
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
सीएमओ आलोक रंजन ने बताया कि विमलेश की पत्नी मिताली का एक पत्र पिछले दिनों आयकर विभाग को गया था, जिसमें पति की बीमारी का हवाला देकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने को कहा गया था। इसी पत्र के आधार पर आयकर विभाग अहमदाबाद ने कानपुर सीएमओ से स्वास्थ्य परीक्षण का अनुरोध किया था। पत्र मिलने के बाद उन्होंने शुक्रवार को डिप्टी सीएमओ ओपी गौतम के नेतृत्व में एक टीम विमलेश के घर भेजी थी।
कंकाल बन चुके थे विमलेश
टीम जब घर पहुंची तो वहां कंकाल बन चुके विमलेश का शव बरामद हुआ। जब डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत बताया तो घर वाले ङ्क्षजदा बताकर हंगामा करने लगे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर एसीपी दिनेश चंद्र शुक्ला, रावतपुर थाना प्रभारी संजय शुक्ला मौके पर पहुंचे। समझाबुझा कर शव को हैलट लाया गया। सीएमओ के मुताबिक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जांच के दौरान सामने आया है कि मोहल्ले वालों की भी शव से बदबू नहीं आई, इसकी भी जांच हो रही है। माना जा रहा है कि केमिकल के इस्तेमाल के कारण बदबू न आने की संभावना है, लेकिन घरवालों ने ऐसा कैसे किया, इसकी भी जांच होगी।