कानपुर (ब्यूरो) पुलिस अधीक्षक रायबरेली श्लोक कुमार ने बताया कि कानपुर के भवानी नगर सुजानपुर थाना चकेरी निवासी जय प्रकाश पाल मिल एरिया के श्याम नगर में बिपिन यादव के घर पर किराए के मकान में रहते थे। वह बैंक ऑफ बड़ौदा की डीह शाखा में संयुक्त प्रबंधक के पद पर तैनात थे। 11 जनवरी की रात करीब 8.30 बजे गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। जय प्रकाश पर आईटीआई निवासी आकाश ङ्क्षसह ने छह राउंड फायर किये थे। सलोन के दरसवां निवासी दयाराम भी उसके सहयोग में था।
तफ्तीश में ये बाद आई सामने
अब तक की तफ्तीश में ये बात सामने आई कि सम्राट नगर निवासी ठेकेदार नगीना ङ्क्षसह काफी समय से बैंक अफसर के करीब था। लखनऊ में प्लाट दिलाने के नाम पर उसने 60 लाख रुपये ले रखे थे। ये रकम बैंक अफसर ने अपने घरवालों व मित्रों से मांगकर उसे दी थी। काफी वक्त गुजर जाने पर भी रजिस्ट्री नहीं हुई तो उसने नगीना पर दबाव बनाना शुरू किया। दयाराम नगीना के गांव का रहने वाला है और आकाश उसका बचपन का साथी। आकाश ने कुछ दिन पहले उससे एक लाख रुपये लिए थे। बैंक अफसर जब रोज-रोज नगीना को टोकने लगा तो उसी ने रुपये हड़पने की नीयत से हत्या की साजिश रची।
150 सीसी कैमरों से मिला हत्यारोपी
एसपी ने बताया कि हत्यारोपियों को पकडऩे के लिए शहर में लगे करीब 150 सीसी कैमरे खंगाले गए। सौ से ज्यादा लोगों की कॉल डिटेल रिपोर्ट देखी गई। फरार चल रहे हत्यारोपी नगीना पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया है।
दयाराम को एक दिन पहले बुलाया घर
थानाध्यक्ष विनय ङ्क्षसह ने बताया कि नगीना मूलरूप से सलोन के दरसवां गांव का रहने वाला था। बाद में उसने सम्राट नगर में भी मकान बना लिया। आरोपी दयाराम दरसवां गांव का रहने वाला था। नगीना ने वारदात के एक दिन पहले ही उसे अपने घर बुला लिया था। 11 जनवरी की रात हत्या होने के बाद दयाराम नगीना के घर गया और वहीं रात गुजारी। 12 जनवरी की सुबह दयाराम को नगीना ने ही गायब हो जाने के लिए कहा था।