- पुलिस ऑफिस में दिन भर सुनाई दी कमिश्नरी और तबादलों की चर्चा
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KANPUR : कमिश्नर प्रणाली लागू होने का कानपुर पर असर फ्राइडे को देखने को मिला। पुलिस का रसूख बदला बदला सा दिखाई दिया। ऑफिस टाइम में भी कोई पुलिस अधिकारी अपने ऑफिस में नहीं दिखाई दिया। हां चर्चा जरूर होती रही। पुलिस कैंटीन से लेकर अधिकारियों के दफ्तर तक फरियादी दिखाई दिए। हर तरफ कमिश्नरी बनने और अन्य चर्चाओं पर जोर दिखाई दिया। कानपुर रेंज कार्यालय हो या जोन कार्यालय, दोनों ही कार्यालय स्थल इन आईजी और एडीजी के कार्यक्षेत्र से बाहर रहेंगे। यानी दोनों ही पद भले ही बरकरार हों लेकिन कद काफी कम हो गया।
रेंज में कोई बड़ा जिला नहीं
कानपुर रेंज में अब कानपुर जिले के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में नर्वल, सजेती, महाराजपुर, बिल्हौर, ककवन, चौबेपुर, शिवराजपुर, घाटमपुर, साढ़, सजेती बिधनू थाने ही रहेंगे। वहीं अन्य जिलों में फर्रुखाबाद, फतेहगढ़, कानपुर देहात और जालौन आएगा। यानी पूरी रेंज में कोई भी बड़ा जिला शामिल नहीं है। अभी तक रेंज के आईजी हों या जोन के एडीजी, जिले में होने वाले किसी भी बड़े कार्यक्त्रम की कमान इन्हीं अफसरों के हाथों में होती थी।
अधिकारियों को मिलेगी राहत
डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक इन अफसरों से ही सवाल-जवाब करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कानपुर पुलिस आयुक्त के अधीन तैनात अफसरों का रेंज के आईजी और जोन के एडीजी से कोई मतलब नहीं रहेगा। यानी जिले में होने वाले कार्यक्त्रमों की जिम्मेदारी पुलिस आयुक्त की होगी। चर्चा ये भी है कि इन अफसरों का कद भले ही घट गया हो लेकिन जिले की सारी सुविधाओं के साथ सबसे कम टेंशन भी इन अधिकारियों को रहेगी।
अफसरों का होगा प्रशिक्षण
कानपुर में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद अधिकारियों को किस तरह काम करना है, सिखाया जाएगा। इसके लिए एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। हालांकि प्रशिक्षण के लिए अभी दिन और समय तय नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्त्रम में पुलिस आयुक्त प्रणाली में किस तरह काम किया जाएगा? एसीपी, एडीशनल डीसीपी, डीसीपी, ज्वाइंट डीसीपी और सीपी के कार्यक्षेत्र क्या होंगे? कौन-से मामले किस कोर्ट में देखे जाएंगे, इन सबकी जानकारी प्रशिक्षण के जरिए दी जाएगी।
एसीपी करेगा जमानत पर सुनवाई
पुलिस कर्मी निरंकुश न हों और भ्रष्टाचार को बढ़ावा न मिले, इसके लिए भी व्यवस्था की जा रही है। शांतिभंग की 151 जैसी धारा में चालान के बाद जमानत के लिए सुनवाई भी संबंधित थानाक्षेत्र से बाहर के सर्किल या फिर मुख्यालय का कोई एसीपी उसकी सुनवाई करेगा।