कानपुर (ब्यूरो)। डिफेंस सेक्टर में दुनिया में धाक जमाने के लिए आयुध निर्माणियां पूरी तरह तैयार हैं। आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने की मंशा से एडवांस वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड कंपनी की यूनिट ओएफसी, एसएएफ और फील्ड गन फैक्ट्री जुटी हुई हैं। आने वाले दिनों में ड्रोन पर लगी कारबाइन, एलएमजी, मशीन गन, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन सहित अन्य हथियारों से दुश्मनों पर गोलियों की बौछार करके ढेर करने में सक्षम होंगे।
आईआईटी कानपुर के सहयोग से
ओएफसी पिनाक राकेट गाइडेड सिस्टम में धड़कन का काम करने वाले एक हजार स्टेबलाइजर उपकरण बनाएगा। आईआईटी कानपुर के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ड्रोन सिस्टम से हल्के हथियार चलाने के तरीके विकसित किए जाएंगे। ये जानकारी सैटरडे को एडब्ल्यूईआइएल कंपनी के सीएमडी राजेश चौधरी ने अरमापुर स्पोट्र्स ग्राउंड में दी। उन्होंने बताया कि छह हजार करोड़ के रक्षा उत्पाद तैयार करने का लक्ष्य है। यूरोपीय देशों से 450 करोड़ के आर्डर मिले हैं।
18 को लांच होगी प्रबल
उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को हल्के वजन की साइड ङ्क्षस्वग प्रबल रिवाल्वर लांच की जाएगी। 52 कैलीबर धनुष तोप की मारक क्षमता में भी विस्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि निगमीकरण से पूर्व रक्षा क्षेत्र में 4500 करोड़ के उत्पादों के आर्डर थे। जब निगमीकरण में आए तब छह हजार करोड़ रुपये के आर्डर पाने में सफलता मिली। पिछले दो वर्षों में करीब 35 प्रतिशत से अधिक आर्डर मिले हैं। आगामी छह माह में ढाई हजार करोड़ रुपये के आर्डर मिलने की प्रबल संभावना है। यहां निर्देशक एके मौर्या, विश्वजीत प्रधान, सुशील सिन्हा, कार्यकारी निदेशक अजय ङ्क्षसह, आलोक कुमार, राजीव शर्मा, महाप्रबंधक संदीप कन्हाई, आरके ङ्क्षसह, सुधीर प्रसाद मौजूद रहे।
- 4500 करोड़ रुपये के आर्डर निगमीकरण से पहले थे।
- 6 हजार करोड़ रुपये के आर्डर निगमीकरण के बाद मिले।
- 3 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया गया।
- 8 हजार करोड़ अभी रक्षा उत्पादों के आर्डर मौजूद हैं।
- 2500 करोड़ के आर्डर आगामी छह माह में मिलने की संभावना।