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KANPUR : शहर में सक्रिय बावरिया गिरोह के कई शातिर प्रयागराज कुंभ पहुंच गए है। वे कोई बड़ी वारदात की फिराक में है। इसका खुलासा महाराजपुर में पकड़े गए बावरिया गिरोह के सदस्यों ने पुलिस पूछताछ में किया है। जिसे सुनकर पुलिस हरकत में आ गई। शहर की पुलिस ने प्रयागराज पुलिस को भी यह जानकारी दी है। इधर, शहर की पुलिस भी पकड़े गए शातिरों के बताए ठिकानों पर दबिश दे रही है।
एडीजी जोन के अलर्ट पर पकड़े गए
ठंड शुरू होने के साथ बावरिया गिरोह सक्रिय हो जाता है। जिसे देख एडीजी जोन अविनाश चंद्र ने पुलिस को अलर्ट जारी कर बावरिया की धरपकड़ करने का आदेश दिया था। शहर की पुलिस बावरिया की तलाश में जुटी थी। सोमवार रात महाराजपुर पुलिस ने बावरिया गिरोह के 11 सदस्यों को दबोच लिया। जिसमें एक महिला भी है। पुलिस ने सभी से कड़ाई से पूछताछ की तो शातिरों ने बताया कि उनका 40 सदस्यों का गिरोह है। उनके कई साथी प्रयागराज पहुंच चुके है। वे लोग उनके पास जा रहे थे।
कौन हैँ ये क्रूर बावरिया
बावरिया एक विशेष जनजाति है। इस समुदाय के लोग खानाबदोश जिंदगी जीते है। यह जाति तीन से साढ़े तीन सौ साल पहले चित्तौड़गढ़ से विस्थापित हो गई थी। इस समुदाय का मूल मुख्य भरतपुर (राजस्थान) के पास है। इस समुदाय के ज्यादातर लोगों का पेशा लूटपाट करना है। इसीलिए इन्हें अपराध संलिप्त जातियों की श्रेणी में रखा गया है। ये लोग बेहद क्रूर होते है।
नवंबर से फरवरी के बीच
रिटायर्ड सीओ जितेंद्र सिंह के मुताबिक बवारिया गिरोह ज्यादातर सर्दियों में ही वारदात करता है। इनका गिरोह रेकी करने के बाद वारदात करता है। वारदात करने के बाद इलाके से तुरंत निकल जाते हैं। यह गिरोह नवंबर से फरवरी के बीच सक्रिय रहता है। यह गिरोह रात 12 बजे के बाद ही वारदात करता है।
बावरिया िगरोह: एक नजर
- बावरिया गिरोह वारदात के पहले कुलदेवी की पूजा करते हैं।
- ये लोग शरीर में तेल लगाकर वारदात करने निकलते हैं।
- ये लोग तमंचा नहीं रॉड, चाकू, डंडा जैसे हथियार रखते हैं।
- ये लोग लूट और डकैती के साथ हत्या करना शुभ मानते हैं।
आप जरूर सावधान रहें
- परिवार के सभी सदस्य एक साथ एक कमरे में न सोएं
- आहट मिलने पर पूछताछ के बाद ही गेट को खोलें
- सीढि़यों पर लगे गेट पर मजबूत ताले लगवाएं
- घर के आसपास खाली स्थान है तो वहां पर रोशनी रखें
- किसी भी आशंका पर कंट्रोल रूम और थाने में सूचना दें