कानपुर (ब्यूरो) पुलिस के सरकारी आवासों पर पुलिस लाइन के अलावा कहीं पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहीं-कहीं दीवार व छत में दरार आ गई है। बारिश के दिनों में कई आवासों में पानी चूता है। सीलन तो लगभग हर आवास में दिखाई देती है। इसके अलावा इन कालोनियों में साफ-सफाई भी दुरुस्त नहीं है। यहां तक कि नालियां बजबजा रही है, जिसमें लाखों मच्छर पनप रहे हैैं। ऐसे माहौल में रहने वाले पुलिसकर्मी व उनके परिवार पर बीमारी का भी खतरा बना रहता है।
आवास चाहिए तो सेटिंग बनाइए
आवास के लिए आवेदन करने वाले एक आरक्षी ने बताया कि आवास के लिए पुलिस कर्मियों को मुख्यालय में आवेदन करना होता है। जब आवास खाली होते हैं तो नियमानुसार पहले आवेदन करने वाले को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। जबकि, अधिकारी उन पुलिस कर्मियों को आवास पहले एलॉट कर देते हैं, जिनकी उनसे सेटिंग होती है। वहीं पुराने क्वार्टर में रह रहे परिवार ने बताया कि जब भी वे मेंटिनेंस के लिए प्रार्थना पत्र देते हैैं तो पोताई करा दी जाती है।
ट्रांसफर के बाद भी नहीं छोड़ा आवास
गैरजनपद ट्रांसफर होने के बाद भी 300 पुलिसकर्मियों ने अब तक सरकारी आवासों पर अपना कब्जा जमा रखा है। वहीं, अन्य जिलों से ट्रांसफर होकर आए 1500 पुलिस कर्मियों को आवास न मिलने की वजह से भटकना पड़ रहा है। नियमानुसार गैर जनपद ट्रांसफर होने के एक महीने के भीतर उन्हें आवास खाली करना होता है, लेकिन 300 पुलिस कर्मियों ने कागजी लिखापढ़ी का पेंच फंसा रखा है। सूत्र बताते हैं कि कई पुलिस कर्मियों ने यहां से जाने के बाद आवासों को पांच हजार से 10 हजार रुपये मासिक किराये पर उठा रखा है। वहीं, कुछ लोगों ने सरकारी आवासों पर सालों से ताले डाल रखे हैं। इनमें रिटायर्ड पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।
लगा रखा ताला, फिर भी मिली अनुमति
जिले में तैनात रहे हेड कांस्टेबल नीरज गुप्ता का 2019 में स्थानांतरण श्रावस्ती हुआ। पुलिस लाइन स्थित आवास पर ताला लगा रखा है। पहली बार में 31 दिसंबर 2022 तक फिर दोबारा एक जुलाई 2023 तक की अनुमति मिल गई। इसी तरह कांस्टेबल प्रदीप कुमार, धर्मेंद्र सिंह का स्थानांतरण लखनऊ हुआ। आवासों पर ताले बंद हैं। वहीं एसआई नीतू धुरिया का गैरजनपद स्थानांतरण हुआ। हरबंस मोहाल स्थित सरकारी आवास में आज भी ताला बंद है।

कुल पुलिस कर्मियों के आवास : 2300
कुल पुलिस कर्मी : 6200 से ज्यादा
कब्जा कर रखा है : 300 पुलिस कर्मियों ने
आवास को भटक रहे : 1500 पुलिस कर्मी
किराए पर रह रहे : 2200 पुलिस कर्मी
जर्जर हुए आवास : लगभग 700

& पुलिस लाइन और ट्रैफिक पुलिस लाइन में स्थान चिन्हीकरण कर लिया गया है। दोनों जगह मल्टी स्टोरी आवास बनाए जा रहे हैैं। जर्जर आवासों का समय समय पर मेंटिनेंस होता है.&य
सुरेश आनंद राव कुलकर्णी, एडिशनल सीपी