कानपुर (ब्यूरो) फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फारेस्ट कवर टोटल एरिया का 33 परसेंट होना चाहिए। लेकिन कानपुर नगर के एरिया के हिसाब से फारेस्ट कवर केवल 66 स्क्वॉयर किलोमीटर ही है यानि केवल 2.09 परसेंट है। इससे ट्री प्लांटेशन की स्थिति का खुद ही अन्दाजा लगाया जा सकता है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 से 21-22 तक बात करें तो केवल इन वर्षों में ही एक करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, बावजूद इसके खासतौर पर गर्मियों में लोग पेड़ों की छाया तलाशते रहते हैं।
डेवलपमेंट की भेंट चढ़ रहे पेड़
दूसरी ओर अवैध रूप से पेड़ कटिंग का सिलसिला भी जारी है। बिधनू, घाटमपुर, बिठूर, बिल्हौर आदि जगहों पर अक्सर अवैध रूप से पेड़ों को काटने की शिकायत आती रहती है। डेवलपमेंट के नाम पर फारेस्ट डिपार्टमेंट की परमीशन लेकर पेड़ों को काटा जा रहा है। 2018 से अब तक हजारों की संख्या में हरे-भरे पेड़ काटे जा चुके हैं। कभी मेट्रो के नाम पर कभी हाईवे व अन्य प्रोजेक्ट्स के नाम पेड़ों पर आरी चलती रहती है।
प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन का यूज
एनवॉयरमेंट के लिए घातक सिंगल यूज पॉलिथिन पर प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है। बावजूद इसके धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। पिछले दिनों सेंट्रल पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के आरओ अमित मिश्रा की अगुवाई में टीम ने पनकी इंडस्ट्रियल में पॉलीथिन का प्रोडक्शन कर रही फैक्ट्री को पकड़ा था। इसी तरह प्रतिबन्ध लगने के बाद भी हर वर्ष नगर निगम की टीमें छापे मारकर हजारों किलोग्र्राम पॉलीथिन जब्त कर रही हैं। नगर निगम ऑफिसर्स के मुताबिक 80 हजार किलोग्र्राम से अधिक तक प्रतिबंधित पॉलीथिन पकड़ी जा चुकी है। पॉलीथिन का इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने से सीवेज, ड्रेनेज सिस्टम चोक हो रहे हैं, फसलों पर फर्क पड़ रहा है।
क्रिटिकल जोन में
सीवेज, टेनरी का जहरीला पानी बहाए जाने के कारण गंगा व पांडु नदी में पाल्यूशन खत्म नहीं हो रहा है। वहीं पानी की बर्बादी और ग्र्राउंड के अधिक यूज के कारण जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। किदवई नगर, हंसपुरम, कल्याणपुर आदि मोहल्लों में चार वर्षों में 3 मीटर तक ग्र्राउंड वाटर लेवल गिर चुका है। जिससे यूरेनियम जैसा रेडियोएक्टिव पदार्थ भी पाया जा रहा है। ग्र्राउंड वाटर लेवल गिरने के बावजूद भी रिचार्जिंग में लापरवाही बरती जा रही है। इसी वजह सेंट्रल ग्र्राउंड वाटर कमीशन ने कानपुर नगर निगम एरिया को क्रिटिकल जोन में रखा है। हालात ये हैं कि 10 हजार से ज्यादा गवर्नमेंट हैंडपंप का दम टूट चुका है। अब ज्यादातर मोहल्लों में हैंडपम्प, जेटपम्प बेकार साबित हो रहे हैं।
- नेचर के साथ खिलवाड़ के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग का सामना करना पड़ रहा है। तेजी से क्लाईमेट चेंज हो रहा है। कहीं सूखा तो कहीं बाढ़। कभी बेमौसम बरसात, कभी समय से पहले सर्दी व गर्मी पडऩा शामिल है। इसलिए प्राकृतिक धरोहरों पेड़,पौधे, पानी, नदियों आदि को सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी हैं.-- डा.एसएन सुनील पाण्डेय, वेदर-एग्र्रीकल्चर साइंटिस्ट, सीएसए
---------
ये किए जा रहे हैं उपाए
-अधिक से अधिक ट्री प्लांटेशन, नगर वन व 40 गंगा ग्र्राम डेवलप करने के साथ ही, मियावाकी सिस्टम से ट्री प्लांटेशन
--ग्र्राउंड वाटर की बजाए ड्रिकिंग वाटर के लिए गंगा व लोअर कैनाल का पानी घर-घर पहुंचाना
-- अमृत सरोवरों का निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर अवेयरनेस ड्राइव
-- 75 माइक्रॉन साइज से कम की पॉलीथिन आदि प्रतिबन्ध
--सोलर पॉवर प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, जिससे कोल बेस्ड इलेक्ट्रिसिटी का यूज कम हो
------
टोटल एरिया-- 3155 स्क्वॉयर किमी।
फारेस्ट कवर (स्टैंडर्ड)-33 परसेंट
फारेस्ट कवर -- 66 स्क्वॉयर किमी।
फारेस्ट कवर परसेंट-- 2.09
फारेस्ट एरिया-- एलन फारेस्ट, संजय वन, कटरी, जाजमऊ, बिल्हौर, घाटमपुर आदि
------
ट्री प्लांटेशन का टारगेट
2018-10--- 13.75 लाख
2019-20--- 28.0 लाख
2020-21--- 35.0 लाख
2021-22--- 43.17 लाख
।
विकास की भेंट चढ़े पेड़
2018-- 8 हजार
2019-- 3 हजार
2020-- 500
2021-- 600
---
100 वर्ष से पुराने संरक्षित पेड़-9
------
चार साल में यूं गिरा ग्र्राउंड वाटर
हाईड्रोग्र्राफ स्टेशन- 2018 (मीटर में)-- 2022 (मीटर में)
संजय वन किदवई नगर-17.55--21.89
आ.वि.हंसपुरम-- 9.10--15.96
आ.वि। कल्याणपुर--13.70--16.05
थाना बाबूपुरवा---32.14-- 33.78
यूपीएसआईडीसी कालपी रोड-- 28.90-- 29.60
डा.वीएसईसी श्याम नगर--26.95--29.15
गोपाल नगर-- 14.60-- 15.50
नवाबगंज-- 19.47-- 20.02
पनकी कटरा--4.49--5.02
प्योंदी जाजमऊ-- 5.30--6.60
दलहन कल्याणपुर--23.45--23.60
-----------
क्रिटिकल जोन
कानपुर नगर निगम एरिया और चौबेपुर ब्लाक
-रिचार्जिंग की तुलना में 90 परसेंट ग्राउंड वाटर का यूज
सेमी क्रिटिकल जोन
सरसौल, बिधनू, घाटमपुर, बिल्हौर, पतारा व शिवराजपुर ब्लाक
-रिचार्जिंग की तुलना में ग्र्राउंड वाटर 50-70 परसेंट तक ग्र्राउंड वाटर का यूज
(सेंट्रल ग्र्राउंड वाटर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक)
--------
पॉलीथिन का यूज जारी
ईयर-- पॉलीथिन जब्त की गई
2019-- 4978 केजी।
2020--22394 केजी।
2021-- 32142 केजी।
2022-- 17035 केजी।
(जब्त की गई पॉलीथिन किलोग्र्राम में है)
-------