कानपुर (ब्यूरो) विधायक इरफान का पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट के वकील गौरव दीक्षित मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि थाने स्तर पर तैनात इंस्पेक्टर ने उच्चाधिकारियों को गुमराह किया। अपराधियों से ही विधायक के खिलाफ मुकदमे लिखाए गए। अपराधी अकील अहमद पर रंगदारी के खिलाफ 4 मुकदमे दर्ज हैं। उसने इरफान के खिलाफ मुकदमा लिखाया है। गौरव दीक्षित ने योगी आदित्यनाथ और सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जो भी लापरवाही की जा रही है वो थाना स्तर पर हो रही है।
आधार से यात्रा के सबूत फर्जी
वकील ने कहा कि पुलिस के पास किसी भी रिकॉर्ड में नहीं है कि एयरपोर्ट पर इरफान ने आधार कार्ड ही दिखाया था। पुलिस की ये कहानी पूरी तरह फर्जी है। कोई सीसीटीवी रिकॉर्डिंग तक नहीं है। यात्रा के दौरान आईडी सिर्फ दिखाई जाती है, जमा नहीं करनी पड़ती है। 26 नवंबर को फर्जी आधार कार्ड से यात्रा करने में एफआईआर लिखी गई। 7 दिसंबर को जेल से इरफान सोलंकी द्वारा कोतवाली पुलिस को एक अप्लीकेशन दी गई। जिसमें लिखा है कि अशरफ अली आए और बताया कि पुलिस वाले फर्जी आधार कार्ड बना रहे हैं।
जेल में नहीं रखा जा रहा ख्याल
विधायक को स्पाइन और स्टोन की प्रॉब्लम है। पत्नी नसीम ने कहा कि उन्हें अस्थमा की प्रॉब्लम है। महाराजगंज जेल से कानपुर लाने के दौरान सिर्फ एक जगह गाड़ी रोकी गई है। डॉक्टर ने जेल में उनके स्वास्थ्य को लेकर कई जांचें लिखीं, लेकिन सिर्फ एक जांच कराई गई। उन्हें जेल में गद्दा और कंबल तक नहीं दिया जा रहा है। जेल मैनुअल आधार पर उनका कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है।
15 लाख की रंगदारी दी
वकील गौरव दीक्षित का कहना है कि जाजमऊ प्लॉट पर आगजनी मामले में जो एफआईआर लिखाई गई। उस मामले में खुद को पीडि़त बताने वाली महिला की तरफ से 15 लाख रुपए रंगदारी मांगी गई थी। तीन लाख रुपए बैंक अकाउंट में दिए गए थे। बाकी रकम कैश दी गई थी। उन्होंने बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट भी दिए गए। रिजवान सोलंकी ने अक्टूबर में कैंट थाना में अप्लीकेशन भी दी थी, लेकिन पुलिस ने पूरे तथ्यों को छिपाया है।