कानपुर (ब्यूरो)। चौकी इंचार्ज सत्येंद्र के खिलाफ और अजय यादव के खिलाफ मैैं गवाही देता हूं। अगर मैैं फांसी लगाता हूं तो उसके जिम्मेदार चौकी इंचार्ज सत्येंद्र होंगे। मुझे परेशान कर रहे हैैं&य यह दर्द बयां कर व्यापारी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। ट्यूजडे सुबह घर पर उसका शव फांसी के फंदे से लटका मिला। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है। कहने को तो पुलिस मित्र है। कागजों से लेकर होर्डिंग बैनर तक में यही दिखाया और बताया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अपराधियों से बचाने वाली पुलिस खुद ही अपराध कर रही है। इसी का नतीजा रहा है कि 22 साल के युवा व्यापारी ने जान दे दी। यह पूरा मामला सचेंडी थाना क्षेत्र का है। परिजनों की तहरीर पर दारोगा और सिपाही के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा में केस दर्ज किया गया। डीसीपी ने इलेक्शन कमीशन को दारोगा और सिपाही के सस्पेंशन की रिपोर्ट भी भेजी है। देर शाम दोनों को सस्पेेंड किया जा सकता है।

यह है पूरा मामला

सचेंडी कस्बा निवासी बाल कृष्ण के परिवार में पत्नी राजेश्वरी, पांच बेटे सरवन, छोटे, राजकुमार, सुशील व सुनील हंै। परिवार के सभी लोग मेहनत मजदूरी करते हैैं। इनमें 22 साल के सुनील की सचेंडी मंडी में सब्जी का कारोबार था। जबकि राजकुमार के खिलाफ सचेंडी थाने में एक दर्जन केस दर्ज हैैं, वह थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ छह एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी थे। जिसकी वजह से उसे जनवरी में जेल भेज दिया गया था। परिवार वालों का आरोप है कि राजकुमार की निगरानी के दौरान चौकी इंचार्ज सत्येंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव उनके घर आते थे। वो महिलाओं से गाली गलौज करते थे। राजकुमार का छोटा भाई सुनील इसका विरोध करता था। राजकुमार के जेल जाने के बाद चौकी इंचार्ज सत्येंद्र और अजय घर न जाकर सुनील की दुकान पर जाने लगे। इसके बाद दोनों उसे टॉर्चर करने लगे।

कर रहे थे अवैध वसूली
आरोप है कि चौकी इंचार्ज सत्येंद्र और सिपाही अजय चौकी इंचार्ज सत्येंद्र और अजय अक्सर सब्जी बोरी में भरकर ले जाते थे। शाम को जब कभी सुनील सडक़ पर मिल जाता था तो उससे मारपीट कर रुपये छीन लेते थे। दोनों से परेशान होकर सुनील ने नशीली गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी। फैमिली मेंबर्स ने उसे हैलट में भर्ती कराया था, जहां इलाज के बाद वह ठीक हो गया था। इन दिनों सुनील हाईवे की मेस में खाना बनाने का काम कर रहा था।

टॉर्चर से डिप्रेशन में था
परिवार वालों ने बताया कि कुछ दिन पहले सुनील का झगड़ा दूसरे मोहल्ले में रहने वाले गैर समुदाय के लोगों से हो गया था, जिसके बाद सत्येंद्र और अजय उसके पीछे ही पड़ गए। अक्सर मारपीट करते थे, पांच लाख रुपये की मांग करते थे, मकान बेचकर रुपये देने की बात करते थे। इसे लेकर सुनील बहुत परेशान हो गया था। कुछ दिन पहले सत्येंद्र और अजय घर आए थे और राजेश्वरी के साथ गाली गलौज की थी। वहीं 12 मई की शाम जब वह घर आ रहा था तो उससे पांच हजार रुपये छीन लिए थे, जिसके बाद से सुनील बहुत तनाव में था।

फांसी लगाकर दी जान
ट्यूजडे सुबह घर पर सुनील का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। फैमिली मेंबर्स और स्थानीय लोगों ने सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक शव सडक़ पर रखकर प्रदर्शन और हंगामा किया। बवाल की सूचना पर थाना पुलिस और आईपीएस डॉ। अमोल मुरकुट मौके पर पहुंचे। वो लोगों को समझाने लगे। इसी बीच भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी मौके पर पहुंचे। उनकी आईपीएस अमोल मुरकुट से हॉट टॉक हुई। मामले की जानकारी पर डीसीपी वेस्ट विजय ढुल, एडीसीपी वेस्ट विजयेंद्र सिंह और एसीपी पनकी टीबी सिंह भी पहुंच गए। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद मामला शांत हुआ।


सुसाइड से पहले के दो वीडियो आए सामने
& आज एक से दो महीने हो गए हैैं, मुझसे कहते हैैं तुम जो भी करोगे मेरा कुछ --नहीं पाओगे। ज्यादा से ज्यादा मेरा ट्रांसफर करा पाओगे। तुम्हारे पास क्या प्रूफ है? मेरे पास कोई प्रूफ नहीं है। मैैं मंडी में दुकान लगाता था। मुझसे सब्जी ले जाते थे, मेरे कई बार पैसे छीन चुके हैैं। दो, चार, पांच हजार करके। जब कभी मिलते हैैं। गाली देते हैैं.&य

&मम्मी हमे माफ कर देना ठीक है, पापा तुम भी। सब लोग देख लेना जो होता है। मैैं लास्ट टाइम आपके लिए बता रहा हूं जैसा है आपके लिए मैैं केवल अपने वश में नहीं हूं इसलिए फांसी लगा रहा हूं। ओकेमम्मी.&य