कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 'इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स' नाम की इस फ़िल्म को लेकर कई देशों में हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई लोगों की जान गई है।
इस बीच एक फ़्रांसीसी पत्रिका में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने के बाद पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ माहौल और गरमा गया है। पहले विवादित फ़िल्म को लेकर अमरीका ही निशाने पर था।
पाकिस्तान में छुट्टी
पाकिस्तान में सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आज राष्ट्रीय छुट्टी की घोषणा की है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को 'पैगंबर मोहम्मद के लिए प्रेम दिवस' के रूप में घोषित किया है और लोगों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अपील की है।
लेकिन पाकिस्तान के कई राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है। माना जा रहा है कि शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरेंगे।
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि शुक्रवार को छुट्टी घोषित करने का उद्देश्य पाकिस्तान की बहुसंख्यक शांतिपूर्ण जनता को इसके लिए उत्साहित करना था।
उन्होंने बताया कि इसका मकसद ये भी है कि कट्टरपंथियों को इसकी अनुमति न दी जाए कि वे विरोध प्रदर्शनों को अमरीका के ख़िलाफ़ गुस्सा दिखाने के रूप में इस्तेमाल करें।
बराक ओबामा का विज्ञापन
हिना रब्बानी खर ने कहा, "हमें भरोसा है कि इससे हिंसा कम होगी। लेकिन ऐसे भी तत्व होते हैं, जो इन स्थितियों का फ़ायदा उठाना चाहते हैं."
बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि पाकिस्तान में बाज़ार, स्टोर्स और पेट्रोल स्टेशन बंद रहने की संभावना है और साथ परिवहन व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा।
दूसरी ओर अमरीका की ओर से पाकिस्तानी टेलीविज़न चैनलों पर एक विज्ञापन दिखाया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा का इस फ़िल्म की आलोचना कर रहे हैं।
गुरुवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थिति अमरीकी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी और इन्हें काबू में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियाँ चलानी पड़ी और आँसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े।
प्रदर्शनकारियों ने अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का पुतला जलाया और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई। इन झड़पों में कम से कम 50 लोग घायल हुए हैं।
पाकिस्तान में इस फ़िल्म को लेकर कई इलाक़ों में पहले भी प्रदर्शन हुए हैं और दो लोगों की जान भी गई है, लेकिन गुरुवार को हिंसा राजधानी इस्लामाबाद तक पहुँच गई।
'पाकिस्तान न जाएँ अमरीकी'
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान जाने में सतर्कता बरतने की सलाह दी है और कहा है कि अगर बहुत ज़रूरी न हो, तो वे पाकिस्तान की यात्रा न करें।
दूसरी ओर एक फ्रांसीसी पत्रिका चार्ली हेब्दो में मोहम्मद साहब के कार्टून छपने के बाद फ्रांस ने शुक्रवार को 20 देशों में अपने दूतावास बंद करने का फ़ैसला किया है।
फ्रांस के मुस्लिम नेताओं ने इस पत्रिका की आलोचना की है, लेकिन लोगों से शांति बरतने की अपील की है। ट्यूनीशिया में सरकार ने शुक्रवार को किसी भी प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है। लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में भी हिंसा की आशंका जताई जा रही है, कई दो प्रतिद्वंद्वी संगठनों ने विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है।
पैगंबर मोहम्मद का अपमान?
एक संगठन हिंसा की निंदा कर रहा है और अमरीकी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की आलोचना कर रहा है, तो दूसरा संगठन ने मोहम्मद साहब पर बनी फिल्म के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया है। दोनों संगठनों का प्रदर्शन एक ही समय तय है और इस कारण हिंसा की आशंका जताई जा रहा है।
मलेशिया का राजधानी कुआलालम्पुर में भी फ्रांसीसी और अमरीकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। मिस्र की राजधानी काहिरा में भी अमरीकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन हो सकते हैं और उस इलाक़े में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
कम बजट में बनी ये फ़िल्म इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स अमरीका में बनी है और आरोप है कि इसमें पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया गया है। सारा विवाद उस समय खड़ा हुआ, जब इस फ़िल्म का अरबी में डब किया गया ट्रेलर यू-ट्यूब पर इस महीने रिलीज़ हुआ।
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