कानपुर (ब्यूरो) डीएम ने एनएचएआई से कहा कि ङ्क्षरग रोड के दोनों तरफ पांच-पांच किमी के दायरे में स्थित गांवों के तालाबों की मिट्टी का परीक्षण कराया जाए। जहां उपयुक्त मिट्टी मिलेगी वहीं खोदाई की अनुमति देंगे। सरकारी तालाब की मिट्टी खोदाई करने से ङ्क्षरग रोड के किनारे बड़ी -बड़ी झीलें डेवलप हो जाएंगी। इन झीलों में इकठ्ठा होने वाले पानी से आस-पास के क्षेत्रों में जल भराव की समस्या दूर होगी और इससे पर्यावरण भी सुधरेगा। झीलों का विकास होने के बाद आसपास के हिस्से की लैंड स्केङ्क्षपग कर आकर्षक पिकनिक स्थल विकसित किए जा सकेंगे।

जून में शुरू होगा काम
जून से ङ्क्षरग रोड के फस्र्ट स्टेज का काम शुरू कराने की योजना है। वहीं, दिसंबर से पहले चरण के भूमि अधिग्रहण का मुआवजा वितरण शुरू हो जाएगा। यह काम जनवरी से फरवरी तक पूरा होगा। वहीं, एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत दुबे का कहना है कि ङ्क्षरग रोड पूरी एलीवेटेड बनेगी। इसके लिए एक करोड़ घनमीटर मिट्टी की आवश्यकता है। खोदाई करने पर 10 फुट गहराई तक एक किमी लंबे और एक किमी चौड़ाई के कम से कम 10 स्थल की आवश्यकता होगी।

'' ङ्क्षरग रोड के आसपास इलाकों में दस स्थलों पर झील डेवलप की जाएंगी। इससे पर्यावरण सुधार होगा और इन स्थलों का पिकनिक स्थल के रूप में डेवलपमेंट होगा और रोजगार भी मिलेगा.ÓÓ
विशाख जी, डीएम