कानपुर (ब्यूरो)। जेल में बंद कैदी अब आए दिन बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल नहीं आ सकेंगे। लगातार जेल कर्मियों पर लग रहे आरोप और संसाधनों पर होने वाले खर्च को बचाने के लिए जेल प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। क्योंकि कैदी अस्पताल जाने के बहाने बाहर निकलकर अपने गैग के लोगों से मिलते है और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते है। जेल प्रशासन अब जेल में टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू करने जा रहा है। लखनऊ में ट्रायल सफल होने के बाद कानपुर समेत प्रदेश की कई जेलों में ट्रायल शुरू हो चुका है।

सेटिंग कर घूमते है बंदी
जेल अधिकारियों ने बताया कि इस समय जिला जेल में 2100 से ज्यादा बंदी है। इनमें 100 से ज्यादा महिला बंदी हैं। जेल में डॉक्टर और फार्मासिस्ट की तैनाती भी है। जेल में एक दिन की ओपीडी में लगभग 400 बंदी देखे जाते है। इसके बावजूद आए दिन कैदी राजनीतिक सेटिंग से तो कभी मेडिकल स्टाफ की सेटिंग से असाध्य बीमारी का पर्चा बनवा लेते है और बार-बार जेल के बाहर अस्पताल जाते है। नई व्यवस्था के तहत टेलीमेडिसिन यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एक्सपर्ट डॉक्टर दूर बैठे इनकी बीमारी समझ सकेंगे और उनको परामर्श देने के साथ इलाज करेंगे।

तैयारियां हो गईं पूरी
अधिकारियों के मुताबिक, टेलीमेडिसिन सेवा के लिए कैमरा, टेलीविजन, ऑडियो कंसोल समेत हाईस्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ती है। इसकी तैयारियां हो गई है। जेल में कर्मचारियों को इसकी टे्रेनिंग देने के लिए टेक्निकल एक्सपट्र्स का इंतजाम किया गया है। 15 से 20 जून तक ये व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। जेल अधिकारियों ने बताया कि रेफर करने की स्थिति में मरीज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पहले से ही पीजीआई, एम्स या जरूरत के मुताबिक बड़े अस्पताल के डॉक्टरों से कराई जाएगी। अगर ऐसी जांचों की जरूरत पड़ेगी, जिसमें मरीज को अस्पताल जाना ही पड़ेगा तो उसे भेजा जाएगा।

अस्पताल के बहाने हो रही थी पार्टी
कुछ महीने पहले ही एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जेल की एंबुलेंस से एक बंदी को भेजा तो अस्पताल गया था, लेकिन वह स्वरूप नगर स्थित एक होटल के सामने जेल कर्मियों के साथ पार्टी कर रहा था यानी खस्ते की दुकान पर खस्ते खा रहा था। जानकारी में आने के बाद जेल अधिकारियों ने इन जेल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की थी।
जेल में टेलीमेडिसिन की सेवा शुरू की जा रही है। इससे बंदियों के साथ जेल के कर्मियों को भी राहत मिलेेगी। बंदियों को हाई लेवल की कंसल्टेंसी और इलाज कम समय में मिल सकेगा।
डॉ। बीडी पांडेय, जेल अधीक्षक कानपुर नगर


2100 से ज्यादा बंदी है वर्तमान में जिला जेल में
100 से ज्यादा महिला बंदी भी शामिल हैं इनमें
1 डॉक्टर और एक फार्मासिस्ट जेल में तैनात
400 बंदी जेल की ओपीडी में डेली देखे जाते हैं
15 से 20 जून तक शुरू हो जाएगी टेलीमेडिसिन सेवा