(कानपुर ब्यूरो) मोबाइल छिनैती, चेन स्नेचिंग, लूट, रेप की कोशिश, रेप, छेड़छाड़ और चोरी जैसे अपराध को अंजाम देने वाले किशोरों को राजकीय बाल सुधार गृह में रखा जाता है। लेकिन, ये किशोर यहां आते ही बाहर निकलने की योजना बनाने लगते हैं। यही वजह है कि मंगलवार रात यहां से किशोर बंदियों के भागने की कोई पहली वारदात नहीं हुई है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक राजकीय बाल गृह से किशोरों के भागने की 6 वारदातें हुई हैैं। जिनमें 16 किशोर कभी दीवार फांदकर तो कभी ग्रिल तोड़कर फरार हुए हैं। बीते महीनों में हुई घटनाओं के तीन किशोर अभी भी लापता हैैं।

कल्लू से कालिया बनने के तीन मामले

1 : जरायम की दुनिया में राकिम के नाम से कुख्याम
जनवरी 2010 में अनवरगंज पुलिस ने 16 साल के किशोर को पुलिस ने फेक करेंसी और दो किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया था। उसे राजकीय बालगृह भेजा गया। तीन साल तक जमानत न होने की वजह से उसे 2014 में बड़ी जेल ट्रांसफर कर दिया। 2015 में जमानत होने के बाद जब किशोर बाहर निकला तो उसने मादक पदार्थों का अवैध कारोबार शुरू कर दिया। उसे जरायम की दुनिया में राकिम के नाम से जाना जाने लगा। साउथ सिटी में आज राकिम जरायम माफिया के नाम से जाना जाता है।

2 : 1500 के लिए बच्ची का अपहरण कर हत्या
घाटमपुर के भदरस में 14 नवंबर 2020 को दिल दहला देने वाली वारदात हुई। यहां संतान न होने पर दंपती ने दो किशोरों को मासूम बच्ची के अपहरण और हत्या की सुपारी दे दी। ये दोनों किशोर दंपती के रिश्तेदार भी थे। दोनों ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर राजकीय बाल गृह भेजा। जहां से नवंबर 2022 में दोनों बड़ी जेल आ गए। 2 दिसंबर को इनकी जमानत हो गई। 25 दिसंबर को घाटमपुर पुलिस ने छेड़छाड़ के मामले में किशोर से युवा हुए अंकुल और वीरन को फिर से जेल भेज दिया, बताते चलें कि मासूम बच्ची की हत्या केवल 1500 रुपये के लिए की गई थी।

3 : दिन दहाड़े युवती के साथ किया रेप
बिधनू थानाक्षेत्र के एक गांव में 2014 मेें गांव में रहने वाली युवती को दो किशोरों ने दोपहर में पकड़कर रेप की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया। तीन साल बाद बालिग होने पर बलबीर और समीर नाम के दोनों आरोपियों को बड़ी जेल में ट्रांसफर किया गया, जहां से 2018 में उनकी जमानत हो गई। वहीं दिसंबर 2019 से रेप के मामले में दोनों जेल में हैैं।

नहीं मिलता अच्छा माहौल
बाल सुधार गृह के सूत्रों की मानें तो अनुशासन में किशोरों को रखने और अच्छा माहौल देने की कोशिश की जाती है, लेकिन कुछ ही किशोर ऐसे होते हैैं जो यहां के नियम मानते हैैं और उनके व्यवहार में बदलाव आता है। महीनों पहले आए बंदियों के बरगलाने पर ये जेल से भागने की योजना बना लेते हैैं। समय-समय पर सामाजिक संस्थाएं इनके सुधार का प्रयास करती हैैं।

बाल सुधार गृह के अधिकारियों की तहरीर पर केस दर्ज कर किशोरों की तलाश में टीमें लगाई गई हैं। कुछ दिन पहले ही मेरी तैनाती हुई है, लिहाजा पहले के मामलों के बारे में ज्यादा पता नहीं है।
देवेंद्र दुबे,कल्याणपुर इंस्पेक्टर