कानपुर(ब्यूरो)। अगर आपके पास भी 10 से 15 साल पुराना वाहन है और आपके वाहन का हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट &एचएसआरपी&य ऑनलाइन बुक नहीं हो पा रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह समस्या टेक्निकल फाल्ट की वजह से आ रही है। क्योंकि 10 से 15 साल पुराने सैकड़ों वाहनों के इंजन नंबर अपडेट नहीं हुए है। इसके लिए वाहन के इंजन नंबर के आगे 00000 जोडक़र वेबसाइट पर अपडेट करना होता है। एचएसआरपी बुक करने के लिए आप जैसे ही पुरानी गाड़ी का इंजन नंबर अपलोड करेंगे। वैसे ही आपको &यह नंबर ऑलरेडी एलॉट हो चुका है&य शो होगा। इस समस्या को दूर करने के लिए आपको कंपनी की तरफ से ऑथराइज्ड किए गए वेंडर्स के पास या फिर आटीओ आफिस जाना होगा। जहां इस नंबर को अपडेट कराया जा सकता है। जिसके बाद आप एचएसआरपी खुद बुक कर सकते हैं।
एक जून तक ही रियायत
जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं लगी है, उनका ट्रैफिक पुलिस पांच हजार रुपए का चालान काट रही है। लिहाजा कार्रवाई के डर से अब बड़ी संख्या में लोग 2019 मार्च के पहले रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों के लिए एचएसआरपी बुक कर रहे हैं। फिलहाल ट्रैफिक पुलिस ने 31 मई तक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की रियायत दी है। जिसके बाद फस्र्ट जून से विशेष अभियान चला कार्रवाई की जाएगी।
क्यों आ रही समस्या
एचएसआरपी बुक कराने के लिए सेपरेट साइट बनी है। इस साइट पर लॉग इन करने पर गाड़ी की डिटेल फिल करनी होती है। इसमें गाड़ी के ओनर का नाम भरना होता है। गाड़ी का नंबर भरने के साथ स्टेट और टेरेटरी वाला आरटीओ आफिस चूज करना होता है। इसके बाद नंबर आता है गाड़ी के इंजन और चेचिस नंबर फिल करने का। 12 से 13 साल पुरानी गाडिय़ों में इंजन नंबर सिर्फ डिजिट में होता था। नई गाडिय़ों में इस अंग्रेजी के कुछ कैरेक्टर के साथ मिक्स कर दिया गया है। करेक्टर ही गाड़ी को वेरीफाई करते हैं। पुरानी गाडिय़ों के इंजन नंबर में सिर्फ नंबर है तो उसे फिल करते ही दिखाने लगता है कि यह नंबर किसी और को एलॉट हो चुका है।
बुकिंग करने पर सामने आई समस्या
रेलबाजार में रहने वाले छोटे लाल के पास एक पुरानी बजाज चेतक यूपी-78 डीजी 6430 है। स्कूटर 15 साल पुराना हो चुका है। उन्होंने अपने वाहन के लिए एचएसआरपी बुक करना चाहा तो ऑनलाइन बुक करने के दौरान यह नंबर किसी दूसरे को एलॉट हो जाने की डिटेल स्क्रीन में शो हो रही है। उन्होंने आरटीओ में अधिकारियों से संपर्क किया तो टेक्निकल प्रोब्लम के बारे में पता चला। बताया गया कि इंजन नंबर के आगे 00000 जीरो एड कर देते है। ऐसा करके प्लेट की बुकिंग भी हो गई और पूरा डिटेल भी स्क्रीन में शो करने लगा।
एक लाख से अधिक गाडिय़ां
आरटीओ में रजिस्टर्ड व्हीकल के आंकड़ों के मुताबिक सिटी में 15 साल पुराने वाहनों की संख्या एक लाख से अधिक है। जिसमें बड़ी संख्या में मोटर साइकिल व स्कूटर है। इसके अलावा 40 हजार से अधिक कार है। जिनका रजिस्ट्रेशन रिन्युअल भी हो चुका है। नई व्यवस्था के अनुसार अब सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य हो चुका है। लिहाजा अब यह लोग एचएसआरपी प्लेट बुक करने में लग चुके हैं।
साइट में अपलोड करने की तैयारी
समस्या दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की जानकारी में आने पर अधिकारियों व एजेंसी के लोगों से बात की गई। पता चला कि पहले नंबर कंप्यूटर में फीड नहीं होते थे। मैनुअल वर्किंग होती थी। अब पूरा डिटेल फीड होने लगा है। कंपनियों ने अंग्रेजी के कुछ लेटर के साथ अंको को मिक्स कर दिया है। इससे हर गाड़ी का युनीक इंजन नंबर हो गया है। इंजन नंबर से पहले पांच बार जीरो फिल कर देने पर यह सही हो जाता है। इस तरह की सूचना एनआईसी की साइट पर भी दिए जाने की योजना चल रही है। जिससे लोगों को परेशानी न हो।
इस समस्या का साल्यूशन दो तरह से मिलता है। आपको आरटीओ ऑफिस आकर आवेदन करना होता है। इस आवेदन को मुख्यालय फारवर्ड कर दिया जाता है। वहां से नया नंबर आ जाता है। इसके बाद आराम से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जा सकती है।
राजेश सिंह, आरटीओ प्रशासन