कानपुर (ब्यूरो) इसे गिनीज वल्र्ड ऑफ रिकॉर्ड में भी इसे विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क के नाम से भी जाना जाता है। 1 अक्टूबर 2022 को जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कॉलेज बाराबंकी के प्रो। संतोष गौड़, राजकीय महाविद्यालय शिवराजपुर के डॉ। आलोक पांडे, एसएन सेन कॉलेज कानपुर डॉ। प्रीति पांडे तथा महिला महाविद्यालय किदवई नगर कानपुर की डॉ। दीपाली निगम द्वारा इस यात्रा को लखनऊ से प्रारंभ किया गया। लखनऊ से दिल्ली, चंडीगढ़, मनाली, जिसपा होते हुए वह हनले पहुंचे। उसके बाद 19024 फीट पर स्थित उमलिंग ला पास पर जाकर सभी ने अपने महाविद्यालय का परचम लहराया।

एक भारत श्रेष्ठ भारत उद्देश्य
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य एक भारत श्रेष्ठ भारत था, जो कि प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा चलाया गया एक अभियान है। दोनों दंपत्तियों द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को कुल 4200 किलोमीटर की यात्रा तय कर वापस लखनऊ पहुंचने पर उनका स्वागत तथा अभिनंदन किया गया। यह रोमांचक यात्रा शारीरिक शिक्षा विषय से संबंधित शिक्षकों द्वारा की गई

अपने आप में एक अनूठा कार्य है।
इस यात्रा को करने के लिए उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक दबाव सहने की शक्ति, शारीरिक दमखम के अलावा विभिन्न विपरीत परिस्थितियों में अपने मनोबल को बनाए रखने का भी परीक्षण था।

पहले भी बना चुके रिकार्ड
पर्वतों के बीच में मुश्किल पथरीले रास्तों तथा बर्फीले पहाड़ों के बीच होते हुए यह साहसिक यात्रा प्रोफेसर्स द्वारा तय की गई, जिसे सभी प्रवक्ताओं और स्टूडेंट्स ने सराहा। उत्तम दंपतियों द्वारा पूर्व में भी कई साहसिक यात्राओं में रिकॉर्ड बनाया है जैसे खारदुंग ला पास, सांच पास, भूटान ,फोटूला टॉप आदि पर पहुंचकर एवं बुलेट से यात्रा का रिकॉर्ड बना चुके हैं।