- कोरोना से स्टडी पर न पढ़े असर इसलिए टीचर्स को तैयार किया जा रहा

- इस बार मई में होने हैं सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के ईयरली एग्जाम

-08 लाख स्टूडेंट्स मई में होने वाले एग्जाम में होंगे शामिल

- 01 हजार से अधिक डिग्री कॉलेजों के हैं ये सभी स्टूडेंट्स

KANPUR: पिछले साल से कॉलेजों में ऑनलाइन स्टडी कराई जा रही है। हालांकि कुछ समय से ऑफलाइन स्टडी भी कराई जा रही है। लेकिन अब जब कोविड ने फिर से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं तो सीएसजेएम यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्टडी पर असर न हो इसके लिए तैयारी कर ली है। कोरोना की दूसरी लहर के अंदेशे से टीचर्स को इसके लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें अपने नोट्स ऑनलाइन भी शेयर करने होंगे जिससे स्टूडेंट आकस्मिक परिस्थितियों में उससे पढ़ाई कर सकें। यूनिवर्सिटी ने ईयरली एग्जाम मई में कराने का निर्णय लिया है। टीचर्स को निर्देशित किया गया है कि अगर ऑनलाइन क्लासेस बंद होती हैं तो वह विभिन्न ऑनलाइन मंच के जरिए स्टूडेंट्स से संवाद जारी रखें।

क्लासेस में पढ़ाने का तरीका बदलेगा

यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड एक हजार से अधिक डिग्री कॉलेजों के करीब दस लाख स्टूडेंट्स इस एग्जाम में शामिल होंगे। कॉलेजों ने साफ कर दिया है कि अगर आकस्मिक परिस्थितियां होती है तो टीचर अपनी क्लास इसी क्रम में जारी रखेंगे। केवल क्लासेस में पढ़ाने का तरीका बदल जाएगा। एएनडी डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ। ऋतंभरा ने बताया कि गर्ल स्टूडेंट्स अपनी स्टडी को लेकर उत्साहित हैं। एग्जाम पास आ रहे हैं। पिछले साल यह एग्जाम नहीं हो पाए थे। जबकि इस वर्ष इसका आयोजन किया जा रहा है। कोरोना के चलते अगर कॉलेजों में स्टडी बंद की जाती है तब भी स्टूडेंट्स की क्लासेस चलती रहेंगी। टीचर्स को इसके लिए निर्देशित किया गया है। पीपीएन डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ। बीडी पांडेय ने बताया कि स्टूडेंट और टीचर दोनों ऑनलाइन स्टडी के अभ्यस्त हो चुके हैं।

टीचर्स से मांगे जा रहे ई-कंटेंट

डिग्री कॉलेजों के दस लाख स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने टीचर्स से ई-कंटेंट मांगे हैं। पहले मांगे गए ई-कंटेंट की संख्या लक्ष्य की तुलना में बेहद कम रही थी। ऑनलाइन क्लासेस के अलावा शिक्षकों को फिर से ई-कंटेंट बनाने का लक्ष्य दिया जा रहा है।