-अमेरिकी संस्था के सहयोग से मेडिकल कॉलेज में बनेगी डीएसटी लैब, 64 लाख का बजट जारी
- 4 करोड़ से आएंगी अत्याधुनिक मशीनें, टीबी से जुड़े रिसर्च वर्क को लेकर भी बढ़ावा मिलेगा
KANPUR: मेडिकल कॉलेज में अब टीबी की जांच आसानी से हो सकेगी। इसके लिए लैब निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 64 लाख रुपए का बजट नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मिला है। वहीं 4 करोड़ से मशीनें आएंगी। डीएम आलोक तिवारी ने सिविल वर्क के लिए पीडब्लूडी को बजट भी दे दिया है। लैब के बन जाने के बाद टीबी के गंभीर मरीजों के इलाज में आसानी होगी। जांच कराने के लिए लखनऊ या आगरा नहीं जाना पड़ेगा। अमेरिकी संस्था की हेल्प से इसकी स्थापना की जा रही है।
पुरानी ब्लड बैंक बिल्डिंग
टीबी के गंभीर पेशेंट्स के ड्रग सेंसटिविटी टेस्ट के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कल्चर डीएसटी (ड्रग सेंसटिविटी टेस्ट) लैब की स्थापना जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पुरानी ब्लड बैंक की बि¨ल्डग में होनी है। इसका प्रस्ताव जिला स्वास्थ्य समिति में रखा गया था, जिसे डीएम ने स्वीकृत कर दिया। उसके बाद कार्यदायी संस्थान पीडब्ल्यूडी को धनराशि जारी कर दी है। उसके तहत टाइल्स, पार्टिशन एवं प्लेटफार्म, विद्युत संबंधी कार्य चल रहे हैं।
पूरे जिले में सुिवधा नहीं
टीबी संक्रमित गंभीर मरीज, जिन पर टीबी के इलाज से जुड़ी अधिकतर दवाइयां बेअसर साबित होती हैं। उन मरीजों को एक्सडीआर यानी एक्सट्रा ड्रग रेजिस्टेंस टीबी कहा जाता है। इन मरीजों की जांच की सुविधा अभी जिले में नहीं है। इन्हें जांच के लिए आगरा एवं लखनऊ भेजना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट का राष्ट्रीय टीबी डिवीजन अमेरिका की फाइंड संस्था के सहयोग से 4 करोड़ रुपए से यहां कल्चर डीएसटी लैब की स्थापना कर रहा है। टीबी से जुड़े शोध को लेकर भी बढ़ावा मिलेगा।
कल्चर डीएसटी लैब की स्थापना के लिए तेजी से सिविल कार्य चल रहा है। टीबी पेशेंट्स के कल्चर की जांच में बेहद आसानी हो जाएगी।
-प्रो। आरबी कमल, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।