संयुक्त राष्ट्र ने इस बात की पुष्टि की है कि त्रेमसेह में टैंकों, तोपों और भारी असला-बारूद के इस्तेमाल से भीषण जंग हुई है.सीरियाई सेना ने माना है कि 'बड़ी संख्या में आतंकवादी' मारे गए हैं लेकिन ये भी कहा है कि आम लोगों की मौत नहीं हुई है।

विपक्षी कार्यकर्ताओं ने पहले दावा किया था कि आम नागरिकों समेत 200 लोग मारे गए हैं लेकिन बाद में उनका कहना था कि मृतकों में अधिकतर विद्रोही लड़ाकू थे। यदि स्वतंत्र सूत्रों से त्रेमसेह में मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि हो जाती है तो सीरियाई संघर्ष में एक ही घटना में मारे जाने वालों की सबसे बड़ी संख्या होगी।

सीरिया में लगभग डेढ़ साल से राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का विरोध हो रहा है जिसने सशस्त्र विद्रोह की शक्ल ले ली है। विद्रोही असद के सत्ता से हटने की मांग कर रहे हैं। माना जाता है कि मार्च 2011 से अब तक असद सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह में लगभग 16,000 लोग मारे गए हैं। असद परिवार पिछले लगभग 40 साल से सीरिया में सत्ता में बना हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय, अन्नान-मून ने की निंदा

अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन ने इस हिंसा की निंदा की है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से समनवित कार्रवाई की मांग की है। सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के निगरानी दल की मौजूदगी की अवधि 20 जुलाई को खत्म हो रही है और सुरक्षा परिषद के सदस्य नए प्रस्ताव पर बहस में फंसे हुए हैं कि इस अवधि को बढ़ाया जाए या नहीं।

अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है, "ऐसे सबूत हैं जिनका खंडन नहीं किया जा सकता कि (सीरियाई) सरकार ने जानबूझकर निर्दोष नागरिकों की हत्या की है। जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है उनकी पहचान की जाएगी और दंड दिया जाएगा."

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के दूत कोफी अन्नान ने सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखकर कहा है कि सीरियाई सरकार ने छह सूत्री शांति योजना का उल्लंघन किया है। अन्नान का कहना था, "मैं इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। हमा के निकट त्रेमसेह गांव से आ रही खबरों से मैं परेशान और दुखी हूँ। वहाँ भीषण युद्ध, बड़ी संख्या में लोगों का मारा जाना और टैंको-तोपों के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है."

स्पष्ट नहीं कि हिंसा क्यों हुई

ये स्पष्ट नहीं है कि त्रेमसेह में हिंसा क्यों हुई है। पहले आ रही रिपोर्टों में कहा गया था कि सरकारी सेना ने गांव को घेर लिया ताकि विद्रोहियों की फ्री सीरियन आर्मी से गांव को अपने कब्जे में ले सके।

विपक्षी रकार्यकर्ताओं के अनुसार सेना ने गांव पर कई घंटों तक जमकर गालोबारी की और उसके बाद सरकार समर्थिक लड़ाकों ने आसपास के गांव से त्रेमसेह में घुसकर और कई गांववासियों पर गोलियाँ चलाईं और उनके घरों को जला दिया।

उनका दावा है कि जो लोग अपने खेतों से होकर भागने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें भी मार दिया गया। लेकिन बाद में कुछ कार्यकर्ताओं ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि विद्रोही लड़ाकों ने सेना के एक काफिले पर हमला किया था लेकिन जवाबी हमले में कई विद्रोही मारे गए।

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