इसी साल मार्च में सीरिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे और सरकार ने उसे कुचलने के लिए अत्यधिक बल का प्रयोग किया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लै का कहना है कि मुसलमानों के पवित्र रमज़ान महीने की शूरूआत से सीरिया में अब तक 350 लोग मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल की एक आपातकालीन बैठक के उद्घाटन भाषण में नवी पिल्लै ने कहा, ''मार्च के मध्य में जब से विरोध प्रदर्शन हुए हैं तब से आज तक 2200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए सेना और सुरक्षा बल भारी तोप समेत अत्यधिक बल का प्रयोग कर रहें हैं.''
संयुक्त राष्ट्र के जांच कर्ताओं ने इस महीने के शुरू में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें जांचकर्ताओं ने पाया था कि सीरियाई सुरक्षाकर्मी बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहें हैं। उस रिपोर्ट के जारी होने के बाद उस पर विचार करने के लिए ही आपातकालीन बैठक बुलाई गई है।
47 सदस्यों वाले मानवाधिकार काउंसिल में एक प्रस्ताव रखा गया है जिसमें कहा गया है कि एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल को सीरिया में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के उल्लंघन की जांच करनी चाहिए। लेकिन संयु्क्त राष्ट्र में सीरिया के दूत फ़ैसल ख़बाज़ हमोई ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सीरिया पर लगाए जा रहे सारे आरोप झूठे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी दूत एलीन डोनाहो ने कहा कि इस बैठक का मक़सद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद पर दबाव डालना है कि वो सत्ता छोड़ दें।
'वादा नहीं निभाया'
दूसरी तरफ़ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने राष्ट्रपति असद को अपना वादा पूरा नहीं करने के लिए उनकी आलोचना की है। मून के अनुसार राष्ट्रपति असद ने उनसे फ़ोन पर कहा था कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ सैनिक कार्रवाई बंद हो गई हैं।
बान की मून ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा , ''ये बहुत दुख की बात है कि उन्होंने अपनी बात नहीं रखी। मुझे आशा है कि वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील पर ध्यान देंगे.''
बान की मून की प्रतिक्रिया ठीक उसके बाद आई है जब सीरिया के प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि सोमवार को होम्स शहर में तीन नागरिक मारे गए हैं। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने सीरिया सरकार की इजाज़त से होम्स शहर का दौरा किया था।
बड़ी संख्या में लोग टीम से मिलने शहर के बीचोबीच क्लॉक स्क्वेयर पर जमा हुए और लीबिया के ताज़ा घटनाक्रम से प्रभावित होकर ''गद्दाफ़ी गए अब तुम्हारी बारी है बशर'' के नारे लगाने लगे। लेकिन प्रदर्शनकारियों के अनुसार जैसे ही संयुक्त राष्ट्र की टीम वहां से चली गई सीरियाई सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।
International News inextlive from World News Desk