कानपुर (ब्यूरो) ये जडेजा पर कोच और कप्तान का भरोसा ही था कि उन्हें उस समय साहा पर प्रमोट करके क्रीज पर भेजा गया, जब भारतीय टीम 154 रन पर अपने प्रमुख चार बल्लेबाज गंवा चुकी थी। हालांकि, जडेजा इस भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने श्रेयस अय्यर के साथ मिलकर 100 रनों से ज्यादा की पार्टनरशिप कर डाली। साथ ही टीम को मुश्किल हालातों से भी उबार लिया। दिलचस्प बात ये रही कि इस दौरान वो बिल्कुल मंझे हुए बल्लेबाज की तरह खेले। अन्य बल्लेबाजों की तरह उन्हें कोई गेंदबाज बीट भी नहीं कर सका। कुल मिलाकर शुक्रवार को टीम मैनेजमेंट को जडेजा से उनके करियर की दूसरी सेंचुरी की दरकार रहेगी।
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