कानपुर (ब्यूरो)। शहर के छह चर्चित मामलों में क्रूरता की सारी हदें हो गई थीं। शासन ने अब इनको संज्ञान लिया है। हालांकि महिला आयोग की टीम महिलाओं के साथ हुए इन मामलों की और बाल आयोग की टीम मासूमों के साथ हुए इन मामलों की जांच कर रहे थे। लंबे समय से चल रही इस जांच और अब तक संबंधित थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आयोग ने इन मामलों में डीजीपी से पुलिस की नेगलीजेंसी की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही बर्खास्त करने की संस्तुति भी की है। इन सभी मामलों के सुपरवाइजरी ऑफिसर्स को भी आयोग ने तलब किया है। जल्द ही सुपरवाइजरी अधिकारी अपने बयान आयोग के सामने न सिर्फ दर्ज कराएंगे बल्कि ये भी बताएंगे कि इन मामलों में उन्होंने संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
कमिश्नरेट के छह चर्चित मामले, जिनमें पार हो गई थी क्रूरता की सारी सीमा
काकादेव मंजू हत्याकांड
काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर में एक गल्र्स हॉस्टल की केयरटेकर मंजू त्रिवेदी बेहोशी की हालत में खून से लथपथ कमरे में पाई गई थी। मृतका की बेटी ने अर्जुन यादव नाम के एक शख्स पर रेप के बाद हत्या का आरोप लगाया था। महिला हॉस्टल की देखरेख के साथ ही टिफिन भी बनाती थी। जहां अर्जुन यादव टिफिन डिलीवरी का काम करता था। इस मामले में कहा गया कि थाना पुलिस ने महिला की न्यूड तस्वीरें वायरल कर दी थीं, जिसकी वजह से महिला आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया।
वन स्टॉप सेंटर में फांसी लगाने का मामला
वारदात 10 मई 2022 की है। नवाबगंज पुलिस मगरवारा निवासी नाबालिग लडक़ी की मां 34 साल की सुदामा को लेकर आई थी। जिसका नाम भी एफआईआर मेें दर्ज नहीं था। मगरवारा से लाने के बाद चोरी के माल की पूछताछ में पुलिस ने सुदामा से पूछताछ की। बेटी के मुताबिक उसकी मां को पुलिस लाई थी। रात के समय उसे छोडक़र गई थी। सुबह मम्मी बैग उसे देकर टॉयलेट चली गई थी। इसी दौरान उन्होंने साड़ी से एग्जास्ट में फांसी लगा ली। कई घंटे बाद जब जानकारी हुई तो पुलिस को सूचना दी गई। इस मामले को दो साल पूरे हो गए लेकिन इंस्पेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अपनी कहानी छिपाने में जुटी पुलिस पर कार्रवाई की गई है।
रावतपुर में बच्ची से रेप का मामला
वारदात 23 दिसंबर 2023 की है। रावतपुर इलाके में रहने वाली मासूम बच्ची को लेकर वैन ड्राइवर कल्लू स्कूल गया था। रास्ते में सुनसान स्थान देखकर आरोपी कल्लू ने बच्ची के साथ वहशियत को अंजाम दिया। इसके बाद स्कूल पहुंचकर बच्ची ने जब इसकी जानकारी मैनेजमेंट को दी तो मैनेजमेंट ने इसे छिपाने का प्रयास किया। दूसरे ड्राइवर से बच्ची को घर छुड़वा दिया गया। बच्ची ने फैमिली मेंबर्स के साथ जाकर मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने दो दिन मेें कल्लू को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई। बाल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्कूल प्रबंधन पर पुलिस ने हल्की कार्रवाई क्यों की? साथ ही आरोपी कल्लू की बेल कैसे हो गई?
नरवल में बच्चे के साथ कुकर्म का मामला
वारदात 10 फरवरी 2022 की है। नर्वल में हुई नौ साल के बच्चे की हत्या के मामले में हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। बच्चे के साथ कुकर्म करने के बाद सिर पर भारी वस्तु से हमला कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। डॉक्टरों ने बच्चे की बाईं आंख में ठोंकी गई कील भी निकाली। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। पुलिस ने हत्या के साथ अब केस में अप्राकृतिक यौन शोषण व पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई। पुलिस ने आरोपियों को एक सप्ताह के बाद जेल भेज दिया। इस मामले में भी पुलिस की कमजोर लिखापढ़ी की वजह से आरोपियों की जमानत होगी।
घाटमपुर में पर दो बहनों के जान देने का मामला
कमिश्नरेट में सनसनी फैलाने वाली ये वारदात 8 मार्च 2024 की है। घाटमपुर थानाक्षेत्र के बरौली गांव में खेत में लगे बेरी के पेड़ से दुपट्टे के सहारे दो किशोरियों के शव लटके मिले। देर रात हुई घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना पर डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की। प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे खुदकुशी का मामला मान रही है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हमीरपुर निवारी फैमिली मेंबर्स शव लेकर रवाना हो गए थे। बेटी की मौत के पांच दिन बाद उसके पिता ने भी जान दे दी। आरोप था कि आरोपियों का परिवार पीडि़त परिवार पर कम्प्रोमाइज का दबाव बना रहा था। इस मामले में पुुलिस की लापरवाही सामने आई थी।
बिल्हौर में मासूम को किडनैप कर रेप का मामला
ये वारदात धौरसलार स्टेशन के पास स्थित एक गांव की है। दिसंबर 2023 में 10 साल की बच्ची का शव तालाब किनारे मिला था। पुलिस ने शव का पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप और धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की बात सामने आई थी। पुलिस ने मामले में जांच की लेकिन अभी तक कोई आरोपी सामने नहीं आया। इस मामले का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। आयोग ने इसे पुलिस की लापरवाही मानी है।