होटल, रेस्तरां और बार में धूम्रपान के लिए अलग से कमरों की व्यवस्था है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे वहां काम करने वाले अन्य लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होगा।
धूम्रपान पर प्रतिबंध की पहल दो वर्ष पहले शुरू हुई थी लेकिन कैटरिंग जगत और तम्बाकू उद्योग से जुड़ी कंपनियों के दबाव की वजह से प्रतिबंध लागू नहीं हो पाया।
देश के 26 कैंटनों (ज़िलों) में धूम्रपान के खिलाफ कराए गए मतदान से पता चला है कि लोगों ने धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध को नकार दिया है। एक ज्यूरिख अखबार का कहना है कि धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध को मतदाताओं ने लगभग दो-तिहाई मतदान से खारिज किया है।
जिनेवा के अखबार ला ट्रिब्यून डि जिनेवा के मुताबिक, कुछ कैंटनों में तो 70 प्रतिशत तक मतदाताओं ने प्रतिबंध के खिलाफ मत दिया है।
जिनेवा और सात अन्य कैंटनों में कार्यालयों के भीतर धूम्रपान पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि छोटे कैंटनों में प्रतिबंध इतने कड़े नहीं हैं।
कठोर उपाय
प्रतिबंध के प्रस्ताव से जुड़ी समिति के सदस्य और डॉक्टर जीन चार्ल्स रीले ने मतदान से पहले समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि वो इस मामले में किसी भी भ्रांति को दूर करना चाहते हैं।
उनका कहना है, ''जिन कैंटनों में धूम्रपान पर पहले से ही प्रतिबंध लगा है, वहां ह्रदय संबंधी रोगों की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है.'' लेकिन जिनेवा एसोसिएशन ऑफ कैफे ऑनर्स के लॉरेंट टर्लिनचैम्प कहते हैं कि धूम्रपान रोकने के लिए किए जा रहे उपाए ज़रूरत से ज़्यादा हैं।
वे कहते हैं, ''जिनेवा में दो वर्ष पहले क़ानून लागू किया गया था, इसकी वजह से मुनाफे में 10 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है.'' जिनेवा के अखबार ला ट्रिब्यून डि जिनेवा का कहना है कि मतदाताओं ने धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध को इसलिए खारिज कर दिया है क्योंकि वो छोटे कैंटनों को क़ानून में बदलाव के लिए विवश नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि इससे लोगों के जीवन में सरकार का दखल बढ़ेगा और आक्रोश फैलेगा।
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