-डॉक्टर्स ने संदिग्ध मरीजों की केस हिस्ट्री खंगाली तो हुआ खुलासा, स्वाइन फ्लू पॉजिटिव एक पेशेंट कुछ दिन पहले ही घूम कर आया था राजस्थान
- स्वाइन फ्लू के चलते राजस्थान में लागू हो चुकी है मेडिकल इमरजेंसी, राजस्थान के 33 में से 31 जिले स्वाइन फ्लू की चपेट में, 50 की हो चुकी मौत
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KANPUR: कानपुर में स्वाइन फ्लू की दस्तक के साथ इसके पेशेंट्स का मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। कई संदिग्ध पेशेंट्स भी लगातार सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। शहर के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जब इन पेशेंट्स के बारे पड़ताल की गई तो मालूम चला कि उनकी राजस्थान आने-जाने की हिस्ट्री है। खास तौर से आईडीएच के आईसोलेशन वॉर्ड में भर्ती हुआ छात्र भी कुछ दिन पहले राजस्थान से लौटा था। ऐसे में डॉक्टर्स के पैनल का मानना है कि वायरस शहर में बाहर से ही ट्रांसमिट हुआ है। राजस्थान से इसके यहां आने की संभावना सबसे ज्यादा है। कानपुराइट्स को डरने की नहीं बल्कि अलर्ट रहने की जरूरत है।
राजस्थान में ज्यादा खतरा
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल यूपी से लगे राजस्थान के 33 में से 31 जिलों में अब तक 1200 से ज्यादा लोगों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। जयपुर से लेकर जोधपुर, उदयपुर, हर बड़े शहर में स्वाइन फ्लू को लेकर मेडिकल इमरजेंसी लागू है। अब तक 50 लोगों की मौत भी हो चुकी है। जिसके बाद वहां स्वाइन फ्लू को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बता दें कि राजस्थान से आने-जाने वाले लोगों के लिए सरकार ने आदेश जारी किया है कि वो तबियत बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
बचाव के लिए क्या करें
- ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें
- घर से बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग करें
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को जरूर ढकें
- बुखार, खांसी, जुकाम पर डॉक्टर को दिखाएं
- फल और सब्जियों को ठीक से धोकर खाएं
- दोनों हाथ ठीक से धोकर ही ख्ाना खाएं
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क्या न करें-
-स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, पता चलने पर इसके पाजीटिव मरीज से दूरी बनाएं
-डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न खाएं, समय पर इलाज से बीमारी कुछ ही दिनों में सही हो जाती है।
- अगर किसी शख्स को खांसी, जुखाम की प्रॉब्लम हैं तो उसके पास जाते वक्त मुंह पर रुमाल या मास्क जरूर लगाएं।
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साल दर साल इतने पॉजिटिव पेशेंट मिले कानपुर में
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वर्ष- पॉजिटिव पेशेंट
2015-41
2016-14
2017-26
2018-0