कई हज़ार ऑस्ट्रेलियाई फैंस के बीच भारतीय टीम के समर्थन में "जीतेगा भाई जीतेगा, इंडिया जीतेगा" और "सचिन, सचिन" जैसे नारे भी सुनाई देते हैं।
सबसे ज़्यादा आवाज़ 'सदर्न स्टैंड' से आती है जो नीली जर्सी और गहरे नीले कैप में भारतीय समर्थकों के एक बड़े दल की बैठने की जगह है। ये दल अपने आपको 'स्वामी आर्मी' यानी स्वामी की सेना के नाम से पुकारता है।
'स्वामी आर्मी'
इस दल के एक प्रमुख सदस्य अमित ग्रोवर कहते हैं, "स्वामी आर्मी भारतीय 'सपोर्ट ग्रुप' है। हमारा लक्ष्य है कि जहां भी भारतीय टीम जाती है हम उन्हें वहां-वहां जाएं, हर मैदान पर जाकर उनका मैच देखें और पूरे ज़ोर शोर से टीम का समर्थन करें."
स्वामी आर्मी की स्थापना 2003-04 में भारत के ऑस्ट्रेलियाई टीम के दौरे के समय ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय टीम के 10 प्रशंसकों द्वारा की गई थी।
ये वो सिरीज़ थी जिसमें भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी और श्रंखला एक-एक की बराबरी पर ख़त्म हुई। उसके बाद 2007-08 के विवादित दौरे पर भी स्वामी आर्मी ने भारतीय टीम की भरपूर हौसला अफ़ज़ाई की थी।
हालांकि दल के सदस्य बताते हैं कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मैदानों पर टीम का समर्थन उस दौर में भी किया था जब उन्हें सिरीज़ में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
जैसे 1991 में भारत को 4-0 से और 1999 में 3-0 से पराजय मिली थी। उस वक़्त भी एक दल के रूप में तो नहीं, लेकिन इनमें से कुछ सदस्य मैदान पर मैच देखने आते थे।
स्वामी आर्मी के एक और सदस्य मानव सैनी कहते हैं, "हम ऑस्ट्रेलिया में बीस साल से क्रिकेट देख रहें है। हमने कई भारतीय फैंस को इकट्ठा कर एक समूह बनाया है और चाहते हैं कि सभी भारतीय प्रशंसक इस दल में आएं और टीम इंडिया की जीत की कामना करें."
सचिन के लिए गीत
मेलबर्न टेस्ट के पहले दो दिन दर्शकों की संख्या भारत औऱ ऑस्ट्रेलिया के मैचों के लिए नया रिकॉर्ड है। पहले दिन सत्तर हज़ार दर्शक आए जबकि मैच के दूसरे दिन पचास हज़ार से ज़्यादा। इन दर्शकों में बड़ी संख्या में स्वामी आर्मी ने भी अपनी पहचान बनाई है।
सचिन तेंदुलकर इस दल का पसंदीदा खिलाड़ी हैं और स्वामी आर्मी ने सचिन के सम्मान में एक गीत भी लिख डाला जिसे वो मैदान पर गाते रहते हैं.गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।
सचिन तेंदुलकर, सचिन तेंदुलकर
ही इज़ ए गॉड, इज़ ए गॉड
एंड ही स्कोर्स ए सेंचुरी,
एंड ही स्कोर्स ए सेंचुरी
एंड ही स्कोर्स हिज़ हंडरेथ सेंचुरी.
(सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान है, वो लगातार शतक बनाते हैं और अपना सौवां शतक भी बनाएंगे)
वैसे गीत के इन बोलों से किसी मशहूर शायर या गीतकार की याद तो खै़र नहीं आती, लेकिन मैदान पर भारतीय टीम के समर्थकों का जज़्बा ज़रूर ज़ाहिर करता है। साथ ही अगर भारतीय टीम का थोड़ा भी मनोबाल बढ़ता है तो क्या बुरा है?
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