- नेपाल के रास्ते भेजी गई नकली नोटों की बड़ी खेप, फेस्टिवल सीजन में शहर में खपाने का है प्लान

- प्रदेश सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र और प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने के कारण कानपुर में अलर्ट जारी

-एसटीएफ और स्थानीय खुफिया एजेंसियां कर रहीं सुरागरसी, केंद्रीय एजेंसियों को मिला है इनपुट

KANPUR : यूपी में विधानसभा इलेक्शन करीब हैं और फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है। देश के दुश्मन इस मौके का हर तरह से फायदा उठाने की फिराक में है। इसके लिए उन्होंने फेक करेंसी भेज कर आर्थिक व्यवस्था को चौपट करने की प्लानिंग की है। इसकी जानकारी केंद्रीय सिक्योरिटी एजेंसीज को हो गई। इस जानकारी पर गृह मंत्रालय में मीटिंग की गई और फेस्टिवल सीजन में यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया। कानपुर प्रदेश की आर्थिक राजधानी और प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है। इसलिए फेक करेंसी का सबसे ज्यादा शहर में ही खपाने की कोशिश होगी। एजेंसियों के पास सूचना है कि नेपाल के रास्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में 100, 200 और 500 के नकली नोटों की खेप भेजी गइर्1 है।

जांच में लगाई गई एसटीएफ

नकली नोटों के सौदागरों की तलाश में एसटीएफ की लोकल यूनिट्स को लगाया गया है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस, स्थानीय खुफिया इकाई के साथ मिलकर एसटीएफ की लोकल यूनिट काम करेगी। सीनियर ऑफिसर्स की माने तो सावन के पहले नेपाल के रास्ते करेंसी लाकर यूपी के तमाम जिलों में डिस्ट्रीब्यूट की गई। जिन जिलों में फेक करेंसी जाने की जानकारी मिली है। उनमें अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और वेस्ट यूपी के कुछ जिले बताए डा रहे हैं।

एक नोट के बदले तीन नकली नोट

पहले फेक करेंसी के मामलों की गुडवर्क करने वाले पुलिसकर्मियों की माने तो ये करेंसी पड़ोसी देश के क्वेटा शहर की प्रेस में छपने के बाद पूरे देश में डिस्ट्रीब्यूट की जाती है। इससे जुड़े लोग इसे नेपाल की सीमा पर आधे-आधे में सौदा कर लेते हैं। प्रदेश की सीमा में आने के बाद इस करेंसी की कीमत बढ़ जाती है। जिलों में एक 100 के असली नोट के बदले तीन नकली सौ के नोट दिए जाते है। जो हूबहू असली जैसे लगते हैं। इसे जल्दी पहचाना नहीं जा सकता। नकली नोट चलाने वाले इसे रात के समय दुकानों पर लेकर जाते हैं।

कानपुर में पकड़ी जा चुकी फेक करेंसी

हर साल फेस्टिवल सीजन में कानपुर में फेक करेंसी का मामला पकड़ में आता है। तीन महीने पहले ही नौबस्ता पुलिस ने फेक करेंसी की बड़ी खेप बरामद कर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व लगभग एक साल पहले इन कारोबारियों की तलाश में लगी एसटीएफ ने भी नेक्सस ब्रेक कर बड़ा खुलासा किया था।

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नकली और असली नोटों को कैसे पहचाने

- नोट को किसी लाइट के सामने रखने पर ट्रांसपैरेंट 500 लिखा हुआ दिखता है।

- आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर नोट रखेंगे तो यहां 500 लिखा दिखेगा।

- पुराने नोट से अलग महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन अलग है

- नोट को हल्का मोड़ेंगे तो सिक्योरिटी थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है

- गवर्नर के सिग्नेचर, गारंटी क्लॉज, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी तरफ है

- यहां महात्मा गांधी की तस्वीर है और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क भी है।

- एक अंक ऊपर में बाई तरफ और नीचे सबसे दाहिनी तरफ दर्ज नंबर बाएं से दाएं की तरफ बड़े होते जाते हैं।

- यहां लिखे नंबर 500 का रंग बदलता है। इसका कलर हरा से नीला हो जाता है।

- दाहिनी तरफ अशोक स्तम्भ है। दाहिनी तरफ सर्कल बॉक्स जिसमें 500 लिखा है।

- दाहिनी और बाई तरफ 5 ब्लीड लाइंस हैं जो खुरदरे हैं।

नोट के पीछे प्रमुख पहचान चिह्न

नोट की छपाई का साल लिखा हुआ है।

सेंटर की तरफ लैंग्वेज पैनल है।

स्लोगन के साथ स्वच्छ भारत का लोगो मुद्रित है।

भारतीय ध्वज के साथ लाल किले की तस्वीर छपी है।

देवनागरी में 500 मुद्रित है।

यहां खपाई जाती है फेक करेंसी

- मंदिर के आस पास दुकानों में।

- रोडवेज बस और रेलवे टिकट लेने में।

- पेट्रोल पंप पर सेल्समैनों को देकर।

- छोटे दुकानदारों से सामान खरीद कर।

- कुली और सामान ढोने वालों को देकर।

- कस्बे, गांव में लगने वाले मेलों में।

- अर्बन एरियाज में खाद की दुकानों में।

- भीड़भाड़ वाले बाजारों में।

- रुपयों की माला बनाने वाली दुकानों में।

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'' शासन से आदेश आने के बाद अलर्ट जारी किया गया है, जिसके मुताबिक सभी टीमों को अलर्ट किया गया है। जल्द ही व्यापारियों के साथ जागरूकता कार्यक्रम किया जाएगा.''

असीम अरुण, पुलिस कमिश्नर कानपुर