-पीएचडी के लिए इंतजार खत्म, अगले हफ्ते से आवेदन
- तीन साल बाद सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से फिर पीएचडी करने का अवसर मिलने जा रहा
-एक सुपरवाइजर दो लोगों को करा सकेंगे पीएचडी, सुपरवाइजर के लिए स्क्री¨नग अंतिम चरण में
- 170 राजकीय व 331 सहायता प्राप्त डिग्री कालेज हैं
- 6.5 हजार से ज्यादा फाइनेंस कॉलेज है प्रदेश भर में
KANPUR: क्या आप पीएचडी करना चाहते हैं और आपको चांस नहीं मिल पा रहे हैं। बड़ी अड़चन सुपरवाइजर की आ रही है तो अब आपको परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आपका पीएचडी के लिए आवेदन करने का इंतजार खत्म होने वाला है। खास बात यह है तीन साल बाद सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के अवसर मिलने जा रहा है। इतने लंबे समय अंतराल के बाद पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम होने से अभ्यार्थियों की संख्या बढ़ना तय है। इसे देखते हुए सुपरवाइजर बढ़ाए जा रहे हैं.अगले हफ्ते तक पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आवेदन फार्म जारी कर दिए जाएंगे।
सेल्फफाइनेंस वाले टीचर भी
यूनिवर्सिटी ने इस बार पीएचडी सुपरवाइजर के लिए सेल्फ फाइनेंस योजना के तहत यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले और डिग्री शिक्षकों को भी मान्य कर दिया है। इससे उनकी संख्या बढ़ने से छात्रों को भरपूर लाभ मिलेगा। अभी तक केवल रेगुललर कोर्स के अलावा राजकीय व सहायता प्राप्त डिग्री कालेज के शिक्षकों को ही सुपरवाइजर नियुक्त किया जाता था।
प्री-पीएचडी कोर्स किया डिजाइन
क्वालिटी रिसर्च के लिए प्री-पीएचडी के कोर्स को डिजाइन किया जा रहा है। कैंडिडेट्स को कोर्स के वर्क के दौरान अपने सब्जेक्ट में कुछ नया तलाशना होगा। पीएचडी को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए प्रवेश परीक्षा में चयनित छात्रों को प्री-पीएचडी कोर्सवर्क के दौरान अपने विषय के अलावा रिसर्च व पब्लिक एथिक्स सिलेबस की पढ़ाई भी करनी होती है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने इसके लिए क्रेडिट कोर्स डिजाइन किया है। यूनिवर्सिटी की पीएचडी अधिष्ठाता प्रो। वर्षा गुप्ता ने बताया कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए फार्म अगले हफ्ते तक आ जाएंगे। सुपरवाइजर बनाए जाने के लिए उनकी स्क्री¨नग की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही है।
6.5 हजार सेल्फ फाइनेंस कालेज
कानपुर यूनिवर्सिटी शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष व पीपीएन डिग्री कालेज प्राचार्य डा। बीडी पांडेय ने बताया कि प्रदेश में केवल 170 राजकीय व 331 सहायता प्राप्त डिग्री कालेज हैं। इसके अलावा साढ़े छह हजार से अधिक संख्या स्ववित्तपोषित कालेजों की है। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के टीचर को सुपरवाइजर बनाए जाने से उनकी संख्या बढ़ना तय है। सुपरवाइजर की संख्या बढ़ने से अधिक से अधिक छात्रों को पीएचडी करने का अवसर मिल सकेगे।