पुलिस का कहना है कि हमलावर ने अपनी पगड़ी में छिपे विस्फोटक में उस समय विस्फोट किया जब मेयर सिटी हॉल में भाषण दे रहे थे। इसी शहर में दो हफ़्ते पहले राष्ट्रपति हामिद करज़ई के सौतेले भाई अहमद वली करज़ई की हत्या कर दी गई थी।
ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब नैटो सेनाएँ अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अफ़ग़ान सेना और सुरक्षा बलों को सौंपने की तैयारी कर रही है। तालिबान ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है।
विश्वसनीय राजनेता
संवाददाताओं का कहना है कि जिस समय हमला हुआ उस समय मेयर ग़ुलाम हैदर हमीदी क़बायली नेताओं से ज़मीन के किसी विवाद पर चर्चा कर रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि हमलावर इन क़बायली नेताओं के बीच घुस आया और फिर विस्फोट कर दिया। मेयर हमीदी की मौत तत्काल ही हो गई थी। इस हमले में कई अन्य नागरिकों की भी मौत हुई।
अधिकारियों का कहना है कि मेयर ने लोयावाला इलाक़े में अवैध ढंग से बनाए गए दो सौ मकानों को गिराने के आदेश दिए थे। गुरुवार को इन मकानों को गिराए जाने के दौरान दो बच्चों की मौत हो गई थी। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार तालिबान के प्रवक्ता क़ारी यूसुफ़ अहमदी ने कहा है मेयर की हत्या बच्चों की मौत का बदला लेने के लिए की गई है।
बीबीसी संवाददाता बिलाल सरवरी का कहना है कि मेयर हमीदी वर्ष 2006 में राष्ट्रपति हामिद करज़ई के विशेष अनुरोध पर अमरीका से अफ़ग़ानिस्तान आए थे। संवाददाता का कहना है कि हमीदी कंधार के सबसे सक्षम और विश्वसनीय राजनीतिज्ञों में से थे। इससे पहले मेयर की कार पर वर्ष 2009 में हमला हुआ था लेकिन वे बच गए थे। लेकिन उनके दोनों उप मेयर वर्ष 2010 में मारे गए थे।
स्थिरता की चिंता
वरिष्ठ लोगों की हत्या के क्रम में ये एक और हत्या है। इस महीने की शुरुआत में अफ़ग़ानिस्तान हामिद करज़ई के सौतेले भाई अहमद वली करज़ई की हत्या कर दी गई थी। वे दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के एक ताक़तवर राजनीतिज्ञ थे। उनकी हत्या से कंधार की स्थिरता को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
उनकी हत्या के एक हफ़्ते बाद ही राष्ट्रपति हामिद करज़ई के एक वरिष्ठ सहयोगी जान मोहम्मद ख़ान के घर पर हमला किया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी। इस शहर को नैटो और तालिबान के बीच संघर्ष का एक अहम केंद्र माना जाता है।
अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी राजदूत रायन क्रुकर ने मेयर की हत्या की निंदा की है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा है, "एक और अफ़ग़ानिस्तानी अधिकारी की हत्या की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं."
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1996 से 2001 के बीच तालिबान शासन काल में कंधार देश की राजधानी रहा है।
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