- दो महीने पहले लिया डिसीजन स्कूलों के लिए बना मुसीबत
- कॉलेजों का एनुअल एग्जाम बोर्ड एग्जाम के साथ कराने के तैयारी
- अब गर्मी की छुट्टियों में छात्रों को मौजमस्ती करने का मौका नहीं मिलेगा
- बीच सेशन में आए फरमान से स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपल परेशान
KANPUR:
यूपी बोर्ड भी अब सीबीएसई और सीआईएससीई की तरह ही अप्रैल से न्यू एकेडमिक सेशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। बीच सेशन में एकेडमिक सेशन चेंज करने का जो फरमान आया है। वह कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के लिए परेशानी का कारण बन गया है। बहुत से कॉलेज में अभी तक छमाही परीक्षाएं पूरी नहीं हुई हैं। प्रिंसिपल को इसी बीच सिलेबस पूरा कराना है साथ ही साथ एनुअल एग्जाम कंडक्ट कराने होंगे ताकि अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू किया जा सके। एजुकेशन ऑफिसर अब इस फरमान पर पूरी तरह से अमल करने की कवायद में जुट गए हैं। कुछ प्रिंसिपल का मानना है कि स्टूडेंट्स के व्यक्तित्व विकास प्रभावित होगा। अब वह साल भर पढ़ाई के फेर में ही फंसे रहेंगे।
यूपी बोर्ड भी अब सीबीएसई व सीआईएससीई की तरह अपना एकेडमिक सेशन इयर ख्0क्भ् से अप्रैल से शुरू करेगा। इस आशय का फरमान बोर्ड की तरफ से जारी कर दिया गया है। अक्तूबर में शासन लेवल पर इस प्रपोजल पर सहमति जताई गई। इसके बाद सभी डीआईओएस को न्यू एकेडमिक सेशन का आदेश जारी कर अनुपालन कराने का फरमान सुना दिया गया।
अभी सिक्समंथली एग्जाम नहीं हुए
सिटी के काफी इंटर कॉलेजों में अभी तक सिक्स मंथली एग्जाम पूरे नहीं कराए जा सके हैं। कुछ कॉलेजों में दो सब्जेक्ट के पेपर्स हो चुके हैं। मौसम के करवट बदलने के कारण गवर्नमेंट लेवल पर सभी इंटर कॉलेज ब् जनवरी तक बंद कर दिए गए थे। अब कॉलेज पहले सिक्समंथली एग्जाम कराएंगे। इसके बाद बोर्ड एग्जाम सिर पर खड़े हैं। ऐसे में कैसे संभव है कि एनुअल एग्जाम टाइम से कराए जाएंगे।
सिलेबस पूरा हो न हो रिजल्ट फ्क् मार्च को मिलेगा
ज्यादातर कॉलेज के प्रिंसिपल का मानना है कि अभी जूनियर या फिर सीनियर क्लासेस में सिलेबस पूरा नहीं हुआ है। कुछ सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो अन्य सहायता प्राप्त कॉलेजों में अभी सिलेबस को पूरा करने में कम से कम तीन महीने का टाइम चाहिए। ऐसी हालत में सिर्फ खानापूरी ही कॉलेज लेवल से की जाएगी और स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ किया जाएगा। वजह साफ है फ्क् मार्च तक क्लास म्,7,8,9,क्क् के एनुअल एग्जाम के रिजल्ट डिक्लेयर किया जाना है।
छात्रों का विकास रुकेगा
ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राम मिलन सिंह का कहना है कि न्यू एकेडमिक सेशन के लागू होने से शुरुआत में छात्रों पर दबाव पड़ेगा। नाना, बाबा और अन्य रिश्तेदारों के यहां जाने का प्लान अब छात्र नहीं बना पाएंगे। उन्हें क्ख् महीने कोर्स से ही जूझना पड़ेगा। प्रिंसिपल डॉ। गीता मिश्रा, वीएन तिवारी, पीबी सचान, वीके शुक्ला का कहना है कि इससे स्टूडेंट्स अब अन्य एक्टिविटी में शिरकत नहीं कर पाएंगे।
'सभी प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें से गवर्नमेंट के इस आदेश को प्राथमिकता से लागू करने के लिए कहा गया है। कुछ प्रिंसिपल ने आपत्ति जताई थी कि ऐसा कैसे संभव हो पाएगा। बोर्ड परीक्षाएं के तुरंत बाद ही एनुअल एग्जाम कराए जाएंगे। एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार ही क्लासेस कराई जाएंगी.'
शिवपूजन पटेल, डीआईओएस
अब स्टूडेंट्स को पूरे साल पढ़ना होगा। न्यू एकेडमिक कैलेंडर में इस तरह की व्यवस्था है। लेकिन क्लाइमेट के अनुसार पुराना सिस्टम ज्यादा अच्छा था। दूसरे बोर्ड के समकक्ष खड़ा होने के लिए पूरे सिस्टम को बदलने की जरूरत है।
डॉ। अंगद सिंह, प्रिंसिपल बीएनएसडी शिक्षा निकेतन
सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों को इन्फ्रास्ट्रक्चर देखें और यूपी बोर्ड के स्कूलों की हालत देखें फिर बराबरी करने की दिशा में पहल करें तो अच्छा होगा। एकेडमिक सेशन बदलने से कुछ नहीं होगा।
हरिश्चन्द्र दीक्षित, प्रिंसिपल बाल विद्यालय आजाद नगर
अचानक बीच सेशन में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि नया सेशन जुलाई से नहीं बल्कि अप्रैल से शुरू होगा। सेशन के चेंज होने से प्रॉब्लम तो होगी। लेकिन नेक्स्ट इयर से सिस्टम ठीक हो जाएगा।
ज्ञान सिंह, प्रिंसिपल, एनएलके
न्यू एकेडमिक सेशन को इस बार पटरी पर लाना मुश्किल काम है। अभी तक सिलेबस पूरा नहीं हो पाया। कोर्स टीचर्स घसीट रहे हैं ऐसी हालत में छात्र को क्या मिलेगा। लेकिन मजबूरी है कि करना पड़ेगा। पैरेंट्स को भी यह समझना होगा।
रमाकान्त शुक्ला, प्रिंसिपल एसजीएम आजाद नगर