- एसीपी हेडक्वाटर्स व क्राइम और डीसीपी क्राइम ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस से दी जानकारी
- भ्रष्ट पुलिस कर्मी रहेंगे पुलिस के रडार पर, 24 घंटे सर्विलांस से होगी निगरानी
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KANPUR : शहर में अपराध से निपटने के अलावा पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच वर्दी में छिपे भेडि़यों को भी तलाशने का काम करेगी। भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मी 24 घंटे क्राइम ब्रांच के राडार पर रहेंगे। उन्हें सर्विलांस पर रखा जाएगा और उनके एक गलत कदम पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नई क्राइम ब्रांच का स्वरूप क्या होगा? वह कैसे काम करेगी और अपराध पर कैसे लगाम लगाएगी? इसे लेकर एडिशनल सीपी हेडक्वाटर्स व क्राइम डॉ। मनोज कुमार और डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जानकारी दी। ये पहला मौका था जब पुलिस अधिकारियों ने जूम एप के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस में डीसीपी क्त्राइम ने बताया कि क्राइम ब्रांच को और मजबूत करने के लिए हर तरह से बदलाव किया जा रहा है, फिर चाहे वह साइबर क्राइम हो, फोरेंसिक फील्ड यूनिट, स्वॉट या वे विवेचनाएं जो क्राइम ब्रांच के पास है।
ऐसी होगी नई क्राइम ब्रांच
पुलिस कमिश्नर के बाद इस ब्रांच में एडिशनल सीपी हेडक्वाटर्स व क्राइम होंगे। उनके नेतृत्व में डीसीपी क्राइम कप्तान के तौर पर काम करेंगे। डीसीपी के नेतृत्व में दो एडीसीपी तैनात रहेंगे। एडीसीपी प्रथम और एडीसीपी द्वितीय। एडीसीपी प्रथम के अंडर दो एसीपी तैनात रहेंगे। एसीपी प्रथम और एसीपी द्वितीय। एसीपी प्रथम अनुसंधान शाखा का कार्य देखेंगे। जिसमें अन्वेषण की निगरानी, एंटी नारकोटिक सेल, वाहन चोरी व नकबजनी सेल, बैंक फ्राड व आर्थिक अपराध सेल, संगठित अपराध रोकथाम की रणनीतियां, फिरौती व अपहरण रोधी सेल, जुआं व मादक पदार्थ रोधी सेल, अनुबंध हत्या व शस्त्र रोधी सेल और साइबर सेल शामिल रहेगी। एसीपी द्वितीय गुंडा, गैंगस्टर आदि का प्रस्ताव बनाएंगे, अपराधियों की माडंसअपरेंडी सेल, गुमशुदा व्यक्ति सेल, डीसीआरबी, अपराधियों का डोजियर व फोटोग्राफ आदि का संकलन, अपराधियों की त्रिनेत्र व जेल एप से निगरानी और क्राइम ब्रांच कर्मियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे।
एडीसीपी सेकेंड के अंडर में तीन एसीपी
वहीं एडीसीपी द्वितीय के नेतृत्व में तीन एसीपी काम करेंगे। जो कि काउंटर इंटेलीजेंस सेल, फील्ड यूनिट, डॉग स्क्वायड, कोल्ड केस सेल, अन्य क्षेत्रों के घोषित इनामी अपराधी, क्राइम ब्रांच के लिए लघु शिक्षण मॉड्यूल, क्त्राइम ब्रांच व सोशल मीडिया सेल और लीगल सेल का काम देखेंग। इसी में एक एसीपी सिर्फ महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों, नाबालिग, वृद्ध आयु और एससी एसटी केसों की जिम्मेदारी सम्भालेंगी। स्वॉट टीम, सर्विलांस टीम और क्रिमिनल इंटेलीजेंस टीम सीधे डीसीपी क्राइम के नेतृत्व में काम करेगी।
पुलिस माफिया गठजोड़ तोड़ना प्रियारिटी
एडिशनल सीपी डॉ। मनोज कुमार ने कहा कि अपराधमुक्त शहर के अलावा पुलिस माफिया गठजोड़ को पूरी तरह ध्वस्त करना प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस कर्मियों को किसी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। वह 24 घंटे अंडर सर्विलांस रहेंगे। आतंकी गतिविधियों की जानकारी और उन पर निगरानी रखने के लिए एटीएस और एसटीएफ के साथ क्वार्डिनेशन में रहेंगे। इंटेलीजेंस की सूचनाओं पर भी क्त्राइम ब्रांच सेल काम करेगी।
पुरानी विवेचनाओं में सबूत मिले तो
एडिशनल सीपी से सवाल किया गया कि आईआईटी निदेशक और एक व्यापारी से सत्तर लाख से ज्यादा की ठगी हो गई। जो मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और केस को बंद कर दिया गया। इस पर अधिकारी का जवाब था कि इस मामले में यदि कुछ और साक्ष्य मिलते हैं तो इन्हें दोबारा ओपन करके विवेचना कराई जाएगी। एडिशनल सीपी ने बताया कि थाने स्तर पर अपराधिक विवेचनाएं वैसे ही चलेंगी। मगर क्राइम ब्रांच को विवेचनाएं ट्रांसफर सिर्फ पुलिस कमिश्नर ही कर सकेंगे। उनके द्वारा दी गई विवेचनाओं पर क्राइम ब्रांच काम करके चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट लगाने का कार्य करेगी।