हालांकि इसका असर बुधवार शाम से ही दिखने लगा जब कुछ हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर अप्रवासन अधिकारी काम पर नहीं आए। एक दिन की इस हड़ताल में चार ट्रेड यूनियनें हिस्सा ले रही हैं। उनका दावा है कि स्कूलों और अदालतों में काम करने वालों समेत करीब साढ़े सात लाख कर्मचारी हड़ताल पर होंगे.
इनमें से तीन यूनियन शिक्षकों से जुड़ीं हैं – नेशनल यूनियन ऑफ टीचर्स, एसोसिएशन ऑफ टीचर्स एंड लेक्चरर्स और यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज यूनियन.
इनके साथ हैं पब्लिक एंड कमर्शियल सर्विसिस यूनियन, जिसके ढाई लाख सदस्य हैं.
हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक़ पेंशन में प्रस्तावित बदलावों के बाद, लोगों को काम भी ज़्यादा करना पड़ेगा और पेंशन के लिए पैसे भी अधिक देने होंगे जिस वजह से कुछ लोग तो पेंशन योजना लेना ही बंद कर देंगे.
बातचीत जारी अभी यूनियनों से बातचीत चल रही है, ऐसे में उनका गुरूवार को हड़ताल पर जाना सही नहीं है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन
ब्रिटेन में सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले 50 लाख लोग पेंशन योजना में योगदान देते हैं। सरकार का कहना है कि योजनाओं का वर्तमान स्वरूप चलाया नहीं जा सकता.
सरकार का आकलन है कि ब्रिटेन के दो-तिहाई स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे और देश के पाँच लाख सरकारी कर्मचारियों में से एक लाख ही हड़ताल पर जाएंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बुधवार को संसद में अपने संबोधन में कहा कि हड़ताल से आम लोगों को परेशान करना सही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पेंशन की सरकारी योजना सार्वजनिक उपक्रमों में काम करनेवालों और ‘करदाताओं के लिए निष्पक्ष’ है। कैमरन ने कहा, “अभी यूनियनों से बातचीत चल रही है, ऐसे में उनका गुरूवार को हड़ताल पर जाना सही नहीं है.”
लेबर पार्टी के नेता एड मिलीबैंड ने कहा है कि ये हड़ताल एक ‘ग़लत कदम’ है और दोनों पक्षों को बातचीत का रास्ता ही अपनाना चाहिए.
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