-- जवाहरपुरम में केडीए बनाएगा 25 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, रतनपुर विस्तार व शताब्दी नगर में भी 12.5-12.5 एमएलडी के एसटीपी
- गंगा को पॉल्यूशन फ्री बनाने के लिए केडीए भी उठा रहा है जरूरी कदम, अगले महीने से एसटीपी निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद
KANPUR: गंगा को पॉल्यूशन फ्री बनाने के लिए केडीए भी कदम बढ़ा चुका है। जवाहरपुरम में 25 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने जा रहा है। इस एसटीपी पर 47 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए केडीए ने टेंडर भी कॉल किए हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो अगले महीने से एसटीपी का निर्माण कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है।
हजारों की संख्या में प्लॉट, फ्लैट
जवाहरपुरम हाउसिंग स्कीम में हजारों की संख्या में प्लॉट हैं। इनमें से ज्यादातर को केडीए बेंच भी चुका है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में फ्लैट भी हैं। इनमें लोगों के रहने से हर रोज करोड़ों लीटर गन्दा पानी निकलेगा। इसे देखते हुए केडीए ने जवाहरपुरम में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। केडीए ऑफिसर्स के मुताबिक एसटीपी बनाने के लिए समय सीमा 9 महीने रखी गई है। एसटीपी बनाने के साथ 5 साल तक कम्पनी को मेंटीनेंस भी करना होगा। इन कार्यो पर 47 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। प्रभारी चीफ इंजीनियर डीसी श्रीवास्तव की ओर से टेंडर कॉल किए गए हैं। 30 जनवरी को टेंडर खुलेंगे।
प्रदूषित नहीं होगी नदियां
जवाहरपुरम के अलावा शताब्दी नगर, रतनपुर व पनकी गंगा गंज से निकलने वाला सीवेज पांडु या गंगा नदी को प्रदूषित नहीं करेगी। जवाहरपुरम में 25 एमएलडी के एसटीपी से पहले ही केडीए ने रतनपुर विस्तार व शताब्दी नगर में 12.5-12.5 एमएलडी के एसटीपी बना रहा है। रतनपुर एसटीपी के लिए 11 केवी की अलग से इलेक्ट्रिसिटी लाइन भी केडीए बनवा रहा है। जिससे की एसटीपी के संचालन में पॉवर कट की समस्या न रहे। इस पर 3.61 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
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फैक्ट फाइल
25 एमएलडी का बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जवाहरपुरम में
47 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जागएा एसटीपी
9 महीने रखी गई है एसटीपी बनाने के लिए समय सीमा
5 साल तक कम्पनी को मेंटीनेंस भी करना होगा एसटीपी का
30 जनवरी को खुलेंगे एसटीपी निर्माण के लिए टेंडर
12.5 एमएलडी के एसटीपी रतनपुर विस्तार व शताब्दी नगर में
11 केवी की अलग इलेक्ट्रिसिटी लाइन भी रतनपुर एसटीपी के लिए
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स्ट्रे एनीमल्स को लेकर चल रहे विवादों के बीच शासन ने केडीए से कैटल कालोनी बिनगवां की रिपोर्ट तलब कर ली है। इससे केडीए में अफरातफरी मची हुई है। हालाकि कैटल कालोनी के ज्यादातर प्लॉट केडीए एलॉट कर चुका है। पिछले दिनों नगर निगम ने अभियान चलाकर सिटी में चल रहे चट्टे शिफ्ट भी किए थे। पर चट्टा संचालकों ने सुविधाओं का अभाव लगा रहे हैं और कई फिर से वापस लौट गए हैं।