कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड आरपीएफ थाने के बगल में बनी सालों पुरानी बिल्डिंग तोडऩे के दौरान शिवलिंग नुमा तीन पत्थर मजदूरों को मिले। भवन तोडफ़ोड़ के दौरान शिवलिंग निकलने की अफवाह से इलाके में हडक़ंप मच गया। शिवलिंग की एक झलक पाने के लिए लोगों का ताता लग गया। आरपीएफ समेत रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पब्लिक को समझाते हुए बताया कि यह शिवलिंग नहीं बल्कि सालों पहले सब्जी मसाला व दाल पीसने वाली ओखली है। मामला स्पष्ट होने के बाद वहां से भीड़ हटी। रेलवे अधिकारियों ने तीनों पत्थर को आईडब्ल्यू के स्टोर रूम में रखा दिया।
क्या था पूरा मामला
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड आरपीएफ थाने के बगल में नया कंस्ट्रक्शन होना है। इसकी वजह से वहां पर पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त करने का काम चल रहा है। तभी मजदूरों को वहां तीन शिवलिंग नुमा पत्थर देखने को मिले। यह बात कुछ देर में जंगल में आग की तरह फैल गई। स्थानीय लोग वहां शिवलिंग देखने के लिए एकत्रित होने लगे। कुछ लोग पत्थर को शिवलिंग कह रहे थे तो कुछ नार्मल पत्थर, घटना के एक घंटे बाद रेलवे अधिकारी व आरपीएफ मौके पर पहुंची।
ऐसे हुआ स्पष्ट
अधिकारियों ने पत्थरों को उठाकर देखा तो उसके नीचे डेढ़ इंच का होल मिला। जिससे समझते देर नहीं लगी कि यह सालों पहले सब्जी मसाला या फिर दाल पीसने में यूज होने वाली ओखली है। जिसका स्ट्रक्चर भी बगल में रखा हुआ था। पत्थरों को उसमें फिट कर देखा गया तो वह दोनों आसपास में फिट हो गए। इससे साफ हो गया कि तीनों पत्थर ओखली के ही हैं।