कानपुर (ब्यूरो)। यूपी एसटीएफ की टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने आगरा कमिश्नरेट के जरार थानाक्षेत्र स्थित कृष्णा ढाबे से पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुमन देवी के बेटे शिवम सिंह को गिरफ्तार कर लिया। चकेरी थाने में दर्ज किसान बाबू सिंह की मौत के बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। फरारी की वजह से एक लाख रुपये का ईनाम भी शिवम पर घोषित किया गया था। एसटीएफ की एक टीम शिवम की तलाश में लगी थी।
7 करोड़ की जमीन
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि 2010 में शिवम की मां सुमनदेवी मैनपुरी से जिला पंचायत सदस्य थीं। उसी दौरान डॉ। प्रियरंजन आशू दिवाकर जिला पंचायत अध्यक्ष थे। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी। शिवम ने बताया कि चकेरी निवासी बाबू सिंह से जमीन खरीदने का सौदा हुआ था। जिस पर प्रियरंजन आशू दिवाकर ने उससे तीन चेक लेकर बाबू सिंह को दिए थे। आशु व उसका ड्राइवर बब्लू बाबू सिंह की छह बीघा जमीन जिसकी कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये थी, लिखवा कर शिवम सिंह के खाते के तीन चेक दे दिए, लेकिन बाबू सिंह को उन चेक से कोई भुगतान नहीं हो सका।
9 सितंबर को दी थी जान
9 सितंबर 2023 को बाबू सिंह ने रेलवे ट्रैक पर जाकर जान दे दी थी। पत्नी बिटान देवी ने प्रियरंजन आशू दिवाकर, बब्लू यादव, मधुर पांडेय, जितेंद्र पाण्डेय और शिवम सिंह के खिलाफ 306,506,420,120 बी के तहत चकेरी थाने में केस दर्ज कराया था। इस केस में राहुल जैन और मधुर पाण्डेय अरेस्ट होकर जेल चले गए थे। जितेंद्र यादव को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। आशू दिवाकर, बब्लू यादव और शिवम सिंह फरार चल रहे थे। 13 अक्टूबर को तीनों आरोपियों पर 1-1 लाख का ईनाम घोषित किया गया था। शिवम को दबोचने वाली एसटीएफ टीम में प्रयागराज यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर वेद प्रकाश, हेड कांस्टेबिल अजय सिंह यादव, प्रभंजन पांडेय, सोनू, किशन चंद्र और रविकांत सिंह शामिल हैं।
बिल्लू चौहान की हत्या में आरोपी
एसटीएफ सूत्रों की माने तो 27 जनवरी 2015 में मैनपुरी में बिल्लू चौहान की हत्या हुई थी। जिसमें शिवम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। 2015 में शिवम गिरफ्तार हुआ था और 2016 में जमानत पर बाहर निकला था। शिवम के खिलाफ मैनपुरी में चार केस और कानपुर में एक केस दर्ज है।