कानपुर (ब्यूरो) कानपुर मेट्रो के 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरीडोर पर अभी 3 मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं। किसी स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन आने में 5 से 6 मिनट का गैप रहता है। मेट्रो ट्रेनों में स्टेशनों की जानकारी देने के लिए डिजिटल डिस्प्ले भी लगे हैं। मेट्रो ट्रेन के गेट पर उस रूट के सभी स्टेशनों का इंडिकेशन सिस्टम लगा है। ट्रेन चलने के दौरान जो भी अगला स्टेशन होता है। उस स्टेशन के प्वाइंट पर लाइट ब्लिंक होने लगती है,लेकिन कुछ ट्रेनों में यह इंडिकेटर्स चल ही नहीं रहे हैं। इसके अलावा वॉइस से भी जो मैसेज आता है वह भी गलत स्टेशन की जानकारी देता है। जैसे कि अगर अगला स्टेशन रावतपुर मेट्रो स्टेशन है तो गीता नगर स्टेशन से चलने के दौरान ट्रेन में मैसेज अनाउंस होता है कि अगला स्टेशन गीता नगर मेट्रो स्टेशन है।

ट्रेनों की राइडरशिप घटी
9 किमी के प्रॉयरिटी रूट पर जब मेट्रो ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था तब कानपुराइट्स का गजब का उत्साह देखा गया था। एक दिन में 30 से 35 हजार लोगों की राइडरशिप थी, लेकिन तीन महीने होने को आए अब मेट्रो ट्रेनों में भीड़ नहीं दिखती। मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक प्रतिदिन की राइडरशिप अब घट कर 5 से 5.5 हजार पैसेंजर्स की ही रह गई है। इसमें भी कुछ ही मेट्रो स्टेशनों पर पैसेंजर्स ज्यादा आते हैं। जैसे मोतीझील मेट्रो स्टेशन,रावतपुर मेट्रो स्टेशन, आईआईटी मेट्रो स्टेशन, कल्याणपुर मेट्रो स्टेशन पर पैसेंजर्स ज्यादा हैं। वहीं कई मेट्रो स्टेशनों पर सन्नाटा रहता है।

फीडर बसों पर हुआ फैसला
कुछ दिन पहले कमिश्नर कानपुर डॉ.राजशेखर, यूपी मेट्रो चीफ कुमार केशव, सिटी बस कारपोरेशन के एमडी अनिल अग्रवाल समेत कई अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें मेट्रो रूट पर पैसेंजर्स का लोड कैसे बढ़े इस पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि प्रॉयरिटी रूट पर ई बसें व सीएनजी बसों को फीडर बसों की तरह चलाया जाएगा। जोकि मेट्रो स्टेशनों तक यात्रियों की एक्सेसबिलिटी बढ़ेगी।

9 किमी लंबा है मेट्रो का प्रॉयरिटी रूट
29 दिसंबर को शुरू हुआ संचालन
3 मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं रूट पर
5 से 6 मिनट के गैप पर मिलती है ट्रेन
30 हजार यात्री डेली सफर करते थे शुरू में
5 हजार के लगभग ही अब राइडरशिप