-एलएलआर हॉस्पिटल में कोविड ड्यूटी पर लगा आउटसोर्सिग स्टाफ पहले ही हटा, अब संविदा पर रखी 150 नर्से भी होंगी कम
-हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने जताई आपत्ति, कोरोना के साथ ही बढ़ा नॉन-कोविड पेशेंट्स का लोड
KANPUR : सिटी में एक तरफ जहां कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है और इससे मौतों का सिलसिला दोबारा शुरू हो गया है। ऐसे में सबसे क्रिटिकल कोरोना पेशेंट्स का इलाज करने वाले एलएलआर हॉस्पिटल्स में नर्सिग कर्मचारी कम हो गए हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने पर आउटसोर्सिग पर रखा गया स्टॉफ पहले ही हटा दिया गया था। वहीं अब संविदा पर रखी गई 150 स्टाफ नर्सेस के आगे काम करने पर भी संशय है। क्योंकि शासन ने यह पद खत्म कर दिए हैं। इस वजह से पेशेंट्स के इलाज में दिक्कतें भी सामने आने लगी है, क्योंकि परमानेंट नर्सिग स्टाफ पहले की बेहद कम है।
नर्सिग स्टाफ का टोटा
शहर का सबसे बड़ा एलएलआर हॉस्पिटल नर्सिग स्टॉफ की क्राइसेस से पहले ही जूझ रहा है। यहां स्थाई नर्सेस की संख्या 164 के करीब ही है। वहीं स्थाई सफाईकर्मी और वार्ड ब्वॉय भी बेहद कम है। इस कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्सिग और संविदा पर नर्सिग स्टॉफ की भर्ती की गई है। साल 2018 में शासन ने इस कमी को देखते हुए 150 नर्सेस की एनएचएम के मानदेय के आधार पर संविदा पर नियुक्ति की थी। इसके अलावा आउटसोर्सिग पर भी वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मियों को रखा गया है,लेकिन इसके बाद भी अस्पताल के बेडों की संख्या के लिहाज से इतना स्टाफ बेहद कम है।
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कोविड का स्टाफ बिना सैलरी पाए हटा
एलएलआर हॉस्पिटल में बीते साल कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए कोविड विंग में सफाईकर्मी, वार्ड ब्वॉय और नर्सिग स्टॉफ को आउटसोर्सिग पर डयूटी पर रखा गया था,अक्टूबर में इनकी तैनाती हुई, लेकिन जनवरी में कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद उन्हें हटा दिया गया। 50 से ज्यादा कर्मचारियों को नवंबर के बाद से सैलरी भी नहीं मिली।
एलएलआर में पेशेंट्स का कितना लोड-
216 बेड - मेडिसिन डिपार्टमेंट के फुल
30 बेड- न्यूरो सर्जरी के फुल
90 पेशेंट्स- का औसतन एडमिशन हर रोज इमरजेंसी में
2.5 हजार- पेशेंट्स की ओपीडी
45- कोरोना संक्रमित मैटर्निटी कोविड विंग में भर्ती
150 नर्सिग स्टाफ को लेकर शासन से बातचीत चल रही है। यह पद न जाए इसका प्रयास किया जा रहा है। हॉस्पिटल में नर्सिग स्टाफ पहले ही काफी कम है।
-डॉ। आरबी कमल, प्रिंसिपल, जीएसवएम मेडिकल कॉलेज।