सरकार के मुताबिक़ तमिलनाडु में 'श्रीलंकाई नागरिकों को धमकाने की बढ़ती घटनाओं' के चलते उसने ऐसा किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है, ''श्रीलंका की सरकार को पर्यटन, तीर्थयात्रा, खेल, सांस्कृतिक और व्यावसायिक दौरों पर तमिलनाडु जाने वाले नागरिकों को धमकाने की बढ़ती हुई घटनाओं पर खेद है.''
बयान में कहा गया है कि सुरक्षा कारणों के चलते श्रीलंका सरकार अपने नागरिकों से यह कहने पर विवश है कि वो तमिलनाडु न जाएं। बयान में यह भी कहा गया है कि अगर किसी के तमिलनाडु जाने के ठोस कारण है, तो वे वहां जाने से पहले चेन्नई में उप उच्चायोग को सूचित करें।
घेराव
मंत्रालय ने कहा कि थंजावुर के पूर्णामठ चर्च में जाने वाले श्रीलंका के 184 तीर्थ यात्रियों को घेरा गया था और उन्होंने चर्च में शरण ली है। इससे पहले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने श्रीलंका की फुटबॉल टीम को वापस भेजने का आदेश दिया था।
उन्होंने राज्य के एक अधिकारी को श्रीलंका टीम को चेन्नई में दोस्ताना मैच खेलने की अनुमति देने के लिए निलंबित भी किया था। उन्होंने श्रीलंका के फौजियों को भारत में प्रशिक्षण देने का भी यह कह कर विरोध किया था कि उनकी सेना ने तमिलों के खिलाफ युद्ध अपराध किए थे।
International News inextlive from World News Desk