जिस फैसले का इंतजार था वह आ ही गया। स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाक खिलाड़ियों की रहम की अपील खारिज करते हुए जस्टिस कुक ने कहा कि आप लोगों ने देश के साथ गद्दारी की है जिसके लिए आपको जेल की ही सजा होनी चाहिए।
इसके बाद उन्होंने सलमान बट्ट को दोसाल छै महीने मोहम्मद आसिफ को एक साल और सबसे छोटे मोहम्मद आमिर को छै महीने की जेल की सजा सुना दी। बुकी मजहर को सबसे ज्यादा दो साल आठ महीने की जेल हुई है।
यह पहला चांस हैं कि फिक्सिंग के मामले को लेकर किसी क्रिकेटर को जेल की सजा हुई है।
पाकिस्तान के तीन क्रिकेट प्लेयर जिनके पास एक टाइम सबकुछ था और आज वो दिन है जब वह अपनी शोहरत, इज्जत और मुकाम सब गंवा चुके हैं। एक वक्त पाकिस्तान टीम के कप्तान रहे सलमान बट्ट, अपनी रफ्तार के लिए मशहूर मोहम्मद आसिफ और खिलाड़ी मोहम्मद आमिर अब सिर्फ जेल जाने से बचना चाहते हैं।
आईसीसी को लिखे अपने खतों में इन तीनों ने खुद यह स्वीकार किया है कि वे पहले ही अपना सब कुछ गंवा चुके हैं अब उन्हें जेल भेज कर क्या फायदा होगा। बाकी जिंदगी उनको खेल से दूर रह कर बितानी है क्योंकि बैन की अवधि खत्म होते होते उनकी खेल की उम्र भी बीत चुकी होगी। सामाजिक तौर पर उन्हें एक तरह से नकारा जा चुका है।
पाकिस्तान क्रिकेट की छवि को करारा झटका लगा जब यहां साउथवर्क क्राउन कोर्ट में जूरी ने उसके दो क्रिकेटरों पूर्व टेस्ट कप्तान सलमान बट और तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ को स्पाट फिक्सिंग के आरोपों का दोषी पाया. बारह सदस्य जूरी ने 27 वर्षीय बट को गलत तरीके से राशि स्वीकार करने का षड्यंत्र रचने और धोखाधड़ी की साजिश रचने का दोषी पाया जबकि आसिफ पर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का आरोप सिद्ध हुआ।
साउथवर्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के 20वें दिन यह फैसला आया और जूरी को फैसले पर पहुंचने के लिए 16 घंटे तक चर्चा करनी पड़ी। ये दोनों हालांकि तब तक जमानत पर रिहा रहेंगे जब तक जूरी उनकी सजा पर फैसला नहीं करती। इस साजिश में शामिल तीसरे आरोपी 19 वर्षीय तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया गया क्योंकि उन्होंने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया था।
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हिलाने वाले इस प्रकरण में बट को सात साल तक की जेल का सामना करना पड़ सकता है। अब बंद हो चुके ‘न्यूज आफ द वल्र्ड’ टेब्लायड के स्टिंग आपरेशन में खुलासा किया गया था कि इन दोनों ने कथित सट्टेबाज मजहर मजीद के साथ मिलकर इंग्लैंड के खिलाफ लाड्र्स टेस्ट में जानबूझकर नोबाल फेंकने का षड्यंत्र रचा।
जूरी का फैसला चार में से तीन आरोपों पर दिया गया। आसिफ के गलत तरीके से राशि स्वीकार करने पर जूरी एकमत फैसला नहीं दे सकी। न्यायाधीश ने इसके बाद जूरी को एक बार फिर चर्चा करने चौथे आरोप पर भी फैसला करने को कहा. बट और आसिफ पर मजीद के साथ मुकदमा चलाया गया था। इन दोनों के होटल के कमरे से पिछले साल पुलिस ने छापा मारकर नकद राशि बरामद की थी जो कथित तौर पर सट्टेबाज ने दी थी।
आईसीसी ने इससे पहले इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बट को 10, आसिफ को सात और आमिर को पांच साल के लिए निलंबित किया। बट के 10 बरस में से पांच बरस निलंबित प्रतिबंध के हैं. यह प्रकरण पिछले साल अगस्त का है जब इन दोनों ने मजीद और आमिर के साथ मिलकर लाड्र्स टेस्ट के दौरान जानबूझकर तीन नोबाल फेंकने की साजिश रची थी।
बट और आसिफ ने खुद को बेगुनाह बताया था और जब फैसला सुनाया गया तब दोनों चुपचाप बैठे रहे। न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मामले में 10 । 2 के बहुमत से फैसला स्वीकार करने को तैयार हैं. सुनवाई के दौरान जूरी ने न्यूज आफ द वल्र्ड के पूर्व ‘इनवेस्टिगेशन एडिटर’ मजहर महमूद की गवाही की सुनी जिन्होंने कहा कि उन्होंने भारतीय व्यवसाई बनकर मजीद से संपर्क किया था।
मजीद ने स्टिंग आपरेशन के दौरान दावा किया था कि पाकिस्तान के छह खिलाड़ी उसके लिए काम करते हैं और किसी मैच में निश्चित समय के खेल को फिक्स करने के लिए 10 लाख डालर से कुछ अधिक की राशि की जरूरत पड़ती है. जब इन टेप के साथ बट से जिरह की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे सुझाव देने पर उन्होंने लंदन में अपने एजेंट मजीद की अनदेखी कर दी थी।
स्पाट फिक्सिंग का फैसला एक और चेतावनी : आईसीसी
पाकिस्तानी क्रिकेटर सलमान बट और मोहम्मद आसिफ को स्पाट फिक्सिंग को दोषी ठहराए जाने के लंदन कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कहा कि यह उन खिलाडिय़ों और एक और चेतावनी है जो लालच में आकर खेल में भ्रष्टाचार लाने
की कोशिश कर सकते हैं। आईसीसी मख्य कार्यकारी हारून लोर्गट ने बयान में कहा, ‘‘आईसीसी इस तथ्य से खुश नहीं है कि इन खिलाडिय़ों बट और आसिफ ने न सिर्फ खेल के नियमों का उल्लंघन किया बल्कि उस देश के आपराधिक कानूनों को भी तोड़ा जिसमें वे खेल रहे थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ज्यूरी ने सलमान बट और मोहम्मद आसिफ को आपराधिक अपराध का दोषी पाया है जिसका उनपर आरोप भी लगा था। इसके अलावा मोहम्मद आमिर ने भी खुद को आपराधिक अपराध का दोषी माना है जिसका उस पर आरोप लगा था.’’ लोर्गट ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह फैसला उन लोगों के लिए एक और चेतावनी होगी जो किसी भी कारण से खेल में भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होना चाहते हैं.’’
आईसीसी ने इसके साथ ही साफ किया कि इस फैसले का इन खिलाडिय़ों के खिलाफ इस साल के शुरू में दोहा में हुई सुनवाई के बाद के निलंबन पर असर नहीं पड़ेगा। लोर्गट ने कहा, ‘‘ यह फैसला भी स्वतंत्र भ्रष्टाचार निरोधक पंचाट की जांच से मेल खाता है। आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के तहत इन तीनों खिलाडिय़ों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल के शुरू में इस पंचाट को नियुक्त किया गया था.’’
लोर्गट ने इस अवसर पर खेल के सभी प्रारूप में आईसीसी की ’शून्य सहिष्णुता’ की नीति का फिर से जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब भी इस मसले पर बात करता हूं तो यह बात दोहराता हूं कि आईसीसी की भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति है और हम अपने खेल में भ्रष्टाचार की कार्रवाई के किसी भी मामले की व्यापक जांच और जरूरत पडऩे पर सजा देने के लिए अपने अधिकारों का पूरा प्रयोग करेंगे.’’ Agency news
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