इसके साथ ही स्पेन ने लगातार तीसरा बड़ा खिताब अपने नाम किया। उन्होंने 2008 में यूरो कप और 2010 का फुटबॉल विश्व कप भी जीता था। स्पेन ने लगातार दूसरी बार यूरो का खिताब जीता है जो कि इससे पहले किसी भी टीम ने नहीं किया था। स्पेन का कुल मिलाकर ये तीसरा यूरो कप खिताब है।
स्पेन ने सबसे पहले 1964 में सोवियत संघ को 2-1 से हराकर और फिर 2008 में जर्मनी को 1-0 से हराकर यूरो कप जीता था। यूरो कप फाइनल में किसी भी टीम की ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले 1972 में तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी ने सोवियत संघ को 3-0 से हराकर खिताब जीता था।
किसी बड़ी प्रतियोगिता में इटली पर स्पेन को 1920 के बाद पहली बार जीत हासिल हुई और इस बार ये जीत खिताबी थी। स्पेन ने शुरुआती दौर में ही इटली पर दबाव बनाया। इनिएस्ता ने फैब्रिगास को दाहिनी ओर से बेहतरीन पास दिया जिसे उन्होंने उतनी ही खूबसूरती से डावीद सिल्वा को बढ़ा दिया। इससे पहले कि इतालवी खिलाड़ी समझ पाते सिल्वा ने सिर से मारकर गेंद को गोल का रास्ता दिखा दिया। इस तरह खेल के 14वें मिनट में स्पेन ने बढ़त ले ली।
मजबूत शुरुआत
इसके बाद दोनों ही टीमों ने एक दूसरे पर जबरदस्त हमले किए। इटली की टीम के पास गेंद का कब्जा भी अधिकतर समय था मगर तभी 41वें मिनट में योर्डी अल्बा ने एक और बेहतरीन गोल करके स्पेन को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।
जावी हर्नांडेज से पास लेने के लिए लगभग 40 कदम दौड़कर पहुँचे अल्बा ने खूबसूरती से गोलकीपर बुफॉन को छकाते हुए गेंद को गोल तक पहुँचा दिया। ये स्पेन के लिए उनका पहला गोल था।
इसके बाद इतालवी प्रशंसक खासे दुखी दिखे। पहला हाफ समाप्त होने पर मैदान से बाहर जाती दोनों टीमों में जहाँ स्पेन को जीत सामने नजर आ रही थी तो वहीं इतालवी खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा साफ थी।
दूसरे हाफ में भी कहानी नहीं बदली। आने के साथ ही इटली के खिलाड़ियों ने कुछ देर तो जोरदार हमला किया मगर जब स्पेन ने सधे हुए खेल के साथ जवाब देना शुरू किया तो लगा जैसे इटली के खिलाड़ियों की हिम्मत टूट गई।
स्पेन के खिलाड़ी लगातार इटली पर हमले करते रहे। दूसरे हाफ में ही इटली को बड़ा झटका लगा जबकि इतालवी खिलाड़ी तिएगो मोटा को चोट के चलते मैदान से बाहर ले जाना पड़ा।
अजेय बढ़त
इससे पहले चूँकि इटली की टीम सभी सब्सटिट्यूट खिलाड़ियों का इस्तेमाल कर चुका था इसलिए इसके बाद इटली के पास 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान में रहने के अलावा कोई चारा नहीं था।
इसका स्पेन ने काफी अच्छा फायदा भी उठाया। मैच के 84वें मिनट में फर्नान्डो टोरेस ने गोल करके टीम की बढ़त को 3-0 कर दिया। टोरेस ने ही 2008 के यूरो कप में जर्मनी के विरुद्ध एकमात्र गोल करके टीम को जीत दिलाई थी। इस तरह लगातार दूसरे यूरो कप फाइनल में उन्होंने गोल किया।
तीसरे गोल के बाद ही ये लगभग तय हो गया था कि इतालवी टीम अब मैच में वापसी नहीं कर पाएगी मगर स्पेन के खिलाड़ी वहीं नहीं रुके। एक बार फिर 88वें मिनट में स्पेन ने आक्रमण किया।
इस बार हुआन माटा ने गोल करके टीम को 4-0 की अजेय बढ़त दिला दी। स्पेन की जीत पक्की होते ही स्पेन की राजधानी मैड्रिड में लोग सड़कों पर निकलकर खुशियाँ मनाने लगे। मैड्रिड के बीच में दसियों हजार लोग मैच देखने इकट्ठा हुए थे। आर्थिक संकट का सामना कर रहे स्पेन के लोगों के लिए ये जीत एक बड़ी राहत की तरह देखी जाएगी।
इटली ने आखिरी बार यूरो कप का खिताब वर्ष 1968 में जीता था। आखिरी बार इटली की टीम वर्ष 2000 में यूरो कप के फाइनल में पहुँची थी, लेकिन अतिरिक्त समय तक खिंचे फाइनल में फ्रांस ने उसे हरा दिया था।
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