रूसी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इसका अंतरिक्ष यान प्रोग्रेस एम-12 एम अंतरिक्ष में सही कक्षा में नहीं स्थापित हो सका है और पृथ्वी में वापस गिर कर नष्ट हो गया।
इस यान पर आईएसएस पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए क़रीब तीन टन रसद लदी थी। अमरीकी अंतरिक्ष यानों के रिटायर होने के बाद से इस तरह की मानवरहित यानों की आईएसएस को चालू रखने में बड़ी भूमिका है।
संकट रसद नहीं
हालाँकि आईएसएस पर रसद नहीं पहुँच सकी है लेकिन यह कोई तात्कालिक चिंता की बात नहीं है क्योंकि इस समय आईएसएस पर पर्याप्त रसद मौजूद है।
वैज्ञानिकों को चिंता रसद की नहीं है। चिंता का असली कारण है इस मालवाहक यान को अंतरिक्ष ले जा रहा रूसी यान सोयूज़-यू। दरअसल इसी तरह का एक दूसरा यान सोयूज़- एफ़जी आदमियों को अंतरिक्ष केंद्र पर लाता ले जाता है।
जब तक इस अभियान और यान के असफल होने के मूल कारण का पता नहीं लग जाता तब तक इस बात की कम ही संभावना है कि कोई अंतरिक्ष यात्री इस तरह के यान से अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। वैसे अगली उड़ान आगामी सितंबर महीने की 22 तारीख को प्रस्तावित थी।
अभियान में बाधा
अगर इस अभियान के नष्ट होने के मूल कारण का पता नहीं लग सका तो इस समय केंद्र पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को कहा जा सकता है की उन्हें इस केंद्र पर सोचे गए समय से ज़्यादा रुकना होगा।
सोयूज़ यान का अब तक का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है। यह अपनी तरह का 44 वां मालवाहक अभियान था। इसके पहले इस तरह की कोई बड़ी समस्या का सामना सोयूज़ को नहीं करना पड़ा है।
इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर तीन रूसी दो अमरीकी और एक जापानी अंतरिक्ष यात्री मौजूद है। इन अंतरिक्ष यात्रियों को इस दुर्घटना के बारे में बता दिया गया है।
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