कानपुर (ब्यूरो) वाणिज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश पाल ने दो अक्टूबर 2011 को बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर के मुताबिक जीटी रोड में मंधना के पास अपनी टीम के साथ वह वाहनों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान चौबेपुर की ओर से आ रहे पिकअप वाहन चालक को रोका गया। वाणिज्य कर की टीम पिकअप की जांच करती इससे पहले चालक ने कुछ लोगों को फोन कर बुला लिया।
बिलों को फाडऩे का आरोप
आरोप के मुताबिकस, चार पांच गाडिय़ों से 40-50 लोग वहां पहुंचे और वाणिज्यकर की टीम को घेर लिया। अमिताभ बाजपेयी ने अपना नाम बताते हुए कहा यह मेरा क्षेत्र है। यहां पर जांच करने की हिम्मत कैसे हुई। टीम द्वारा संग्रहीत बिलों को फाड़ दिया गया। जान से मारने की धमकी के साथ बलवा किया गया और टीम में शामिल एक अधिकारी के विरुद्ध जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। साथ ही धमकी भी दी कि दोबारा जांच करते हुए दिखाई नहीं देना चाहिए।
जांच टीम से की मारपीट
जांच टीम में शामिल पुलिस कर्मियों का डंडा छीन लिया गया। सभी के मोबाइल फोन ले लिए और मारपीट की गई। इस मामले में विधायक के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, लोक सेवकों के साथ मारपीट व बलवा करने और एससीएसटी के तहत मुकदमा चलाया गया। इस मामले में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश ने सपा विधायक अमिताभ को दोषी करार दिया। इसके बाद सजा के ङ्क्षबदु पर सुनवाई की गई।
जमा की जुर्माने की राशि
बचाव पक्ष (विधायक) के अधिवक्ता सूबेदार ङ्क्षसह ने पहला अपराध होने, सुनवाई में सहयोग करने का तर्क देते हुए कम से कम सजा दिए जाने की मांग की। इसके विरोध में सहायक शासकीय अधिवक्ता भाष्कर मिश्रा ने लोक सेवकों को काम से रोकने और 40-50 लोगों द्वारा घेरने की बात कहते हुए अधिक से अधिक सजा दिए जाने की मांग की। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी करार देते हुए सजा सुना दी। विधायक ने जुर्माने की राशि कोर्ट में जमा कर दी है।