पार्टी की ये नेता हैं लिंडवी माज़ीबुको। संसदीय पार्टी के चुनाव में डीए की राष्ट्रीय प्रवक्ता 31-वर्षीय माज़ीबुको ने मौजूदा पदाधिकारी एथोल ट्रॉलिप को हराया।
जानकारों का मानना है कि माज़ीबुको को चुन कर डीए अपनी गोरों की पार्टी वाली छवि को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है। इस फ़ैसले से विपक्षी पार्टी किस हद तक अपनी गोरे समर्थक की छवि को ख़त्म कर पाती है, इस पर लोगों की नज़र होगी।
दक्षिण अफ़्रीका में काले बहुसंख्यक हैं। वहाँ 17 साल पहले रंगभेद ख़त्म हुआ था। माज़ीबुको के अभियान को पार्टी की राष्ट्रीय नेता हेलेन ज़िले का समर्थन मिला हुआ था।
'महज़ दिखावा'
जोहानेसबर्ग से बीबीसी संवाददाता कैरन ऐलन का कहना है कि हालांकि पार्टी की नेता हेलन ज़िले माज़ीबुको का समर्थन कर रही थीं, लेकिन विश्वविद्यालय-स्तर की शिक्षा प्राप्त कर चुकी 31-वर्षीय माज़ीबुको को मौजूदा पदाधिकारी एथोल ट्रॉलिप से कड़ी चुनौती मिली।
ट्रॉलिप एक गोरे नेता हैं। वो कई अफ़्रीकी भाषाएं जानते हैं। उनके पास 17 साल से ज़्यादा का राजनीतिक अनुभव है और वो 2009 से अब तक विपक्ष के नेता थे। माना जा रहा था कि उनके नेतृत्व में पार्टी सुरक्षित हाथों में रहेगी।
डीए का उद्देश्य एक दशक के भीतर मौजूदा अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस सरकार को हटाकर साझा सरकार बनाना है। बीबीसी संवाददाता का कहना है कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए पार्टी जानती है कि उसे अपनी छवि बदलनी होगी, इसीलिए माज़ीबुको को नेता चुना गया है।
दक्षिण अफ़्रीका में 80 प्रतिशत आबादी कालों की है। दक्षिण अफ़्रीका में डेमोक्रेटिक अलायंस को ' बहुत ज़्यादा गोरे' के रूप में देखा जाता है। पार्टी के संसदीय नेतृत्व में इस बदलाव को आलोचक महज़ दिखावा मानते हैं। उनका कहना है पार्टी में अब भी गोरों का वर्चस्व है। लेकिन माज़ीबुको इस आरोप को ग़लत मानती हैं।
वो मानती हैं कि एक युवा काले के तौर पर वो अपने देश के उन युवाओं के साथ जुड़ सकती हैं, जिनमें से अधिकांश बेरोज़गार हैं। लिंडवी माज़ीबुको 2009 में संसद सदस्य चुनी गई थीं।
पार्टी उन्हें उभरते नेता के तौर पर पेश कर रही है। इस साल की शुरुआत में स्थानीय चुनावों के पोस्टरों में माज़ीबुको की तस्वीर, पार्टी की नेता हेलन ज़िले और केप टाउन की मेयर पेट्रीशिया डि लिल की तस्वीरों के साथ छापी गई थी।
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